नवरात्रि में देवी मां के पवित्र और प्राचीन मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो यूपी के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जान लें.
पवित्र नगरी वाराणसी के अलईपुर क्षेत्र में मां शैलपुत्री का मंदिर है. मान्यता है कि यहां मां के दर्शन से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
52 शक्तिपीठों में एक देवी पाटन मंदिर भी है. यहां माता सती का वाम स्कंध के साथ पट गिरा था. यहां विराजमान देवी को माता मातेश्वरी कहा जाता है.
नैमिष धाम में मां ललिता देवी मंदिर स्थित है. ललिता देवी मंदिर माता के 52 शक्तिपीठों में से एक है. मान्यता है कि यहां माता सती का हृदय गिरा था.
इस मंदिर में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारी बंधू सिंह अंग्रेजों का सिर काटकर देवी मां को समर्पित करते थे. जब बंधू सिंह को फांसी दी जाने लगी, फांसी का फंदा टूट गया. ऐसा 6 बार हुआ.
यहां मां सती के हाथ की उंगली गिरी थी. यहां माता ललिता के तीन मंदिर हैं और तीनों को ही शक्तिपीठ माना जाता है.
विशालाक्षी मंदिर में सती के कान के मणि जड़ित कुंडल गिरे थे. इसे इसे मणिकर्णिका घाट भी कहते हैं.
यहां मां के तीन रूप हैं. मां आदिशक्ति महालक्ष्मी विंध्यवासिनी के रूप में, अष्टभुजी अर्थात महासरस्वती और कालीखोह स्थित महाकाली के रूप में विराजमान हैं
देवी के इन मंदिरों में यूं तो हमेशा ही भीड़ रहती है लेकिन नवरात्री के दिनों में यहां भक्तों का तांता लग जाता है.
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