जया किशोरी कथाओं में कई मोटिवेशनल बातें भी साथ साथ बोलती हैं जो बहुत लाभकारी भी साबित होते हैं.
जया किशोरी ने कहा है कि बच्चे की परवरिश व उनको संस्कार देने में 50 पर्सेंट का योगदान माता-पिता का व उनके घर के माहौल का है.
वो कहती है कि 50 पर्सेंट योगदान होता है बच्चे के दोस्तों, संगत और बाहर के माहौल का
जया किशोरी ने कहा कि आप अपना 50 पर्सेंट देने का पूरा पूरा प्रयास करिए और बच्चे के सामने किसी तरह का गलत काम मत करिए.
जया किशोरी ने अपनी संस्कृति को आधुनिकता के नाम पर भूलने व अपने संस्कारों को खोने वालों के लिए बहुत कुछ कहा हैं.
उन्होंने एक बार ये भी कहा था कि आधुनिकता के नाम पर इतना भी आप आगे न बढ़ें की आगे की पीढ़ियां पूछने लग जाएं कि राधा-कृष्ण कौन हैं?
जया किशोरी कहती हैं कि नई बातें सीखना या अनुशरण करना बुरी बात नहीं है पर पुरातन पंरपराएं भी हमें भूलना नहीं है.
जब आप कथा, भागवत व सत्संग में जाते हैं तो अपने घर कुछ अच्छी बातें लेकर आए. अन्यथा कथा का लाभ नहीं.
कथावाचिका जया किशोरी ने कहा कि बच्चों को संस्कार बचपन से ही देना शुरू कर देना चाहिए.
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