पारस पत्थर के बारे में आप सबने सुना होगा. इससे जुड़ी कई तरह की कहानियां भी फेमस है.
बताते है कि पारस पत्थर एक चमत्कारी पत्थर है जिसको लोहे से स्पर्श कराने पर लोहा सोने में बदल जाता है.
लेकिन क्या आप जातने है कि ये वर्तमान मे कहा है, किसके पास है. है भी या नहीं. यह आज तक रहस्य ही बना हुआ है.
कहा जाता है कि यूपी की धर्मनगरी चित्रकूट के एक गांव से इसका संबंध है. कहते है इस गांव में पारस पत्थर है.
शहर के बीचों बीच से गुजरने वाले बनाड़ी गांव में गणेश बाग नाम के स्थान पर एक तालाब के अंदर ‘पारसमणि’ का रहस्य छुपा हुआ हैं.
इसी पारसमणि की वजह से इस तालाब में शाम ढलते ही पानी का कलर पीले रंग का होने लगता है.
इस गणेशबाग का निर्माण राजा विनायक राव ने कराया था. यहां पर तालाब, कुआं, और बावली भी बनी हुई है. जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते है.
माना जाता है कि जब मराठा राजा युध्द के लिए जाने लगे तो किसी और के हाथ ये पत्थर न लगे इसलिए इसे तालाब में फेंक दिया.
यहां आए प्रयटकों ने बताया की शाम होते ही धीरे- धीरे इस तालाब का पानी पीले रंग का होने लगता है.