दारा शिकोह मुगल शासक शाहजहां के सबसे बड़े बेटे थे. ऐसे में पिता शाहजहां की मौत के बाद उनका उत्तराधिकारी वही थे. शाहजहां ने इसकी घोषणा भी कर दी थी.
हालांकि, दारा शिकोह के भाईयों को ये स्वीकार नहीं था. शाहजहां जैसे ही बीमार पड़े, उनके बेटों में सत्ता को लेकर संघर्ष शुरू हो गया.
शाहजहां के छोटे बेटे औरंगजेब ने पहले पिता को बंदी बनाया. इसके बाद बड़े भाई दारा शिकोह की हत्या करवा दी थी.
अवीक चंदा की किताब 'दारा शिकोह, द मैन हू वुड बी किंग' के मुताबिक, औरंगजेब ने दारा शिकोह के कटे हुए सिर को शाहजहां के पास तोहफे के तौर पर भिजवाया था.
कहा जाता है कि दारा शिकोह के धड़ को दिल्ली में ही हुमायूं के मकबरे में दफना दिया गया.
शाहजहां नामा के मुताबिक, जब दारा शिकोह को बंदी बनाकर दिल्ली लाया गया, तब उनके शरीर पर मैले कुचैले कपड़े थे.
इसके बाद यहां से उन्हें बहुत ही बुरी हालत में बागी की तरह हाथी पर सवार करके खिजराबाद पहुंचाया गया.
औरंगजेब ने उनके शरीर को दो हिस्सों में बांटने का आदेश दे दिया था. इसके बाद जल्लाद ने उनके सिर को शरीर से अलग कर दिया.
पहले दारा शिकोह के सिर को औरंगजेब के सामने पेश किया गया. उसके बाद औरंगजेब ने दारा शिकोह के सिर को पिता शाहजहां के सामने पेश किया था.
दारा शिकोह इस्लाम के साथ हिंदू धर्म में भी रुचि रखते थे. वो सभी धर्मों को समानता की नजर से देखते थे.
उन्होंने बनारस के पंडितों को बुलाकर हिन्दू धर्म के उपनिषदों का फारसी भाषा में अनुवाद करवाया था.
यह कहानी किताबों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं क