दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से हो रहा है. जल्दी ही गाड़ियां रफ्तार भरने लगेंगी.
अच्छी खबर है. इस एक्सप्रेसवे पर अक्षरधाम से लोनी बॉर्डर तक कोई टोल टैक्स नहीं चुकाना होगा.
शुरुआत के करीब 18 किलोमीटर के हिस्से में टोल वसूली नहीं होगी, लेकिन उसके आगे सफर की दूरी के हिसाब से टोल चुकाना होगा.
इस एक्सप्रेस के बनने से प्रतिदिन करीब एक से डेढ़ लाख वाहनों का दबाव कम होगा. इस एक्सप्रेसवे के खुलने के बाद पूर्वी दिल्ली के कई हिस्सों में जाम से राहत मिल सकती है
अक्षरधाम से खेकड़ा तक अगले माह यातायात शुरू होने की उम्मीद है. बड़े हिस्से में लोड टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है.
टेस्टिंग के बाद मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही एक्सप्रेसवे का यह हिस्सा यातायात के लिए खोल दिया जाएगा. ऐसी संभावना है कि 30 जुलाई से पहले यातायात शुरू कर दिया जाए.
210 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर एक ही एजेंसी टोल वसूलने का काम करेगी. नजर रखने के लिए परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) बागपत को नोडल बनाया गया है.
दो मुख्य टोल प्लाजा बनाए जा रहे हैं. पहला गाजियाबाद के लोनी में 14 लेन का टोल प्लाजा, दूसरा देहरादून से पहले बनाया जा रहा है.
एलिवेटेड कॉरिडोर के ऊपर लोड से भरे ट्रकों को खड़ा किया जा रहा है. देखा जा रहा है कि जिस डिजाइन के आधार पर रोड बनाई गई है, उतना लोड झेल पा रही है या नहीं.
ऐसे वाहन चालक जिनका फास्टैग ब्लैक लिस्ट है, उनको सफर महंगा पड़ सकता है. वो बीच से एंट्री लेते हैं और फिर किसी दूसरे पॉइंट पर निकलते हैं तो उन्हें पूरे एक्सप्रेसवे का टोल देना होगा.
नवंबर तक एक्सप्रेसवे के बाकी चरण बनकर तैयार होंगे. इसके बाद दिल्ली से देहरादून तक की दूरी बस सवा दो घंटे में तय हो सकेगी.