देव दीवाली कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार है जो यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी मे मनाया जाता है. यह विश्व के सबसे प्राचीन शहर काशी की संस्कृति एवं परम्परा है. यह दीपावली के पंद्रह दिन बाद मनाया जाता है.
ऐसी मान्यता है कि देव दीपावली के दिन शिवजी भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.
देव दीपावली के दिन लोग गंगा में पवित्र डुबकी लगाते हैं और शाम को मिट्टी के दीपक या दीये जलाते हैं. न केवल गंगा के घाट बल्कि बनारस के सभी मंदिर भी लाखों दीयों से जगमगाते हैं.
द्रिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 26 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट पर प्रारंभ होगी और 27 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी. द्रिक पंचांग के अनुसार, देव दीपावली 26 नवंबर 2023, रविवार को मनाई जाएगी.
दूसरी ओर काशी के गंगा घाटों पर देव दीपावली कराने की जिम्मेदारी उठाने वाली तमाम गंगा आरती की समितियां और केंद्रीय देव दीपावली महासमिति ने बैठक करके 27 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी.
काशी विद्वत परिषद ने देव दीपावली की तिथि का ऐलान 26 नवंबर को किया है और इसे ही शास्त्रोक्त विधि से मनाने की नसीहत भी दी है.
कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाने वाली देव दीपावली पर गंगा किनारे दीपक जलाने का विशेष महत्व है.
हिंदू धर्म में दीपावली का विशेष महत्व है. यह सबसे बड़े त्योहारों में एक है.