काकोरी कस्बे में एक देवरानी-जेठानी मंदिर है. इसका नाम जितना अलग है उतनी ही इसकी कहानी भी दिलचस्प है.
मान्यता है कि इस मंदिर में मांगी गई सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग पूजा करने आते हैं.
स्थानीय लोगों की मानें तो सरोसा और भरोसा नाम के दो गांव हैं. सरोसा और भरोसा नाम के दो सगे भाई हुआ करते थे. दोनों को सिद्धि हासिल थी.
दोनों भाई लोगों के कष्टों को दूर कर दिया करते थे. उनके बाद उनकी पत्नियों ने अपनी शक्तियों से लोगों की भलाई का सिलसिला जारी रखा.
जब दोनों जेठानी-देवरानी की मौत हुई तो लोग उनकी समाधि स्थल पर पूजा करन लगे. मन्नत पूरी होने से लोगों का विश्वास बढ़ता गया.
मान्यता है कि करीब सौ साल पहले दुनियाराम नाम के शख्स को संतान प्राप्त हुआ तो वह खुश हो गया और दोनों का मंदिर बनवा दिया.
इतिहासकार कहते हैं कि दोनों मंदिरों के शिखर में काफी समानता है. शिखरों पर जो कलाकृतियां उकेरी गईं हैं, वह प्राचीन स्थापत्य कला की विशिष्ट शैली है.
मंदिरों के निर्माण में लाखौरी ईंटों का ज्यादा इस्तेमाल हुआ है. इन दोनों ही मंदिरों की बनावट और आर्किटेक्चर में काफी समानता है. जेठानी मंदिर प्रांगण में लाखौरी ईंटों से बना एक कुआं भी है.
देवरानी-जेठानी मंदिर लखनऊ के काकोरी पंचायत के सरोसा-भरोसा के बाहर मोहान रोड पर है. इसके पास से ही न्यू आगरा एक्सप्रेस वे निकला है.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का Zeeupuk हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.