हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा से अश्विन मास की अमावस्या तक पितृपक्ष रहते हैं. अंग्रेजी महीने के अनुसार इस बार यह 29 सितंबर ये 14 अक्टूबर तक रहेंगे.
इन 16 दिनों में पितरों को तर्पण दिया जाता है. पितृ पक्ष में पूजा-पाठ से लेकर खाने पीने तक के विशेष नियम हैं. जिनका पालन करना जरूरी होता है.
इन 16 दिनों में पितरों को तर्पण दिया जाता है. पितृ पक्ष में पूजा-पाठ, खाने पीने और खरीदारी तक के विशेष नियम हैं. जिनका पालन करना जरूरी होता है.
पूर्वजों को नाराज करने से सुख-समृद्धि में बाधा आने लगती है. आइए जानते हैं कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जिनको पितृपक्ष में नहीं खरीदना चाहिए.
शास्त्रों में बताया गया है कि पितृपक्ष में नया काम शुरू नहीं करना चाहिए. साथ ही वाहन, घर-जमीन, कपड़े आदि खरीदना शुभ नहीं होता है.
इसके अलावा तीन और चीजें हैं, जिनका इस्तेमाल और सेवन आमतौर पर घर में रोजाना होता है लेकिन इनको पितृपक्ष में भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए.
शास्त्रों के अनुसार इसका पालन न करने पर त्रिदोष लगता है, जिसका बुरा असर लोगों के जीवन पर पड़ सकता है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार झाड़ू का इस्तेमाल घर में रोजाना होता है, इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. पितृपक्ष में इसे खरीदने से आर्थिक दिक्कतें हो सकती हैं.
खाना बनाने में सरसों के तेल का उपयोग रोजाना ही होता है. लेकिन इसको शनि का भी प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसे पितृपक्ष में नहीं खरीदा जाता है.
स्वाद के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नमक को भी पितृपक्ष के दौरान नहीं खरीदना चाहिए. इसे शास्त्र के मुताबिक तीक्ष्ण वस्तु माना गया है.
यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.