सावन में व्रत करने से पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठें. भगवान शंकर माता पार्वती की पूजा आराधना करें.
ब्रह्मचर्य का पालन करें तब व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होगा.
सावन में मांस, शराब का सेवन न करें. ऐसा करने से शिवजी की पूजा का फल साधक को नहीं मिलता है.
श्रावण माह में लहसुन और प्याज न खाएं. बैंगन न खाएं. सावन में इनका सेवन अशुभ होता है.
सावन के महीने में व्रत रखते हैं तो जमीन पर सोएं. दिन में न सोएं. केवल एक समय ही सोएं. शिव भक्ति में दिन बिताएं.
सावन में दूध का सेवन न करें क्योंकि पूरे माह शिवलिंग पर दूध अर्पित किया जाता है. कांसे के बर्तन में भोजन न करें.
सावन में कभी भी शंकरजी की परिक्रमा न करें. सोमवार को बेलपत्र न तोड़ें.
स्टील अथवा तांबे के लोटे में शिवलिंग पर जल नहीं अर्पित करें.पीतल के लोटे का इस्तेमाल करें.
भगवान शंकर को भूलकर तुलसी के पत्ते व सिंदूर अर्पित न करें.
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