लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. इस बार कुल 7 चरण में मतदान होने हैं. पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को मतदान होने हैं.
चुनाव आयोग चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है. इसके लिए मतदाताओं को जागरुक किया जा रहा है. हर नागरिक को मतदान करना बहुत जरूरी होता है. आपका वोट खराब ना हो इसके लिए यहां आगे वोट कैसे देते हैं इसकी जानकारी दी गई है.
लोकसभा चुनाव में वोट डालते वक़्त आपको यह ध्यान रखना होगा आप की उम्र कितनी है? याद रखें कि वोट देने के लिए आपकी उम्र कम से कम 18 साल ज़रूर होनी चाहिए.
अगर आपकी उम्र 18 या उससे अधिक हैं और आपका वोटर लिस्ट में नाम रजिस्टर हो गया हो तो आप मतदान केंद्र पर जाइए.
वोट डालने वाली लाइन में खड़े हो जाएं. अपनी बारी आने पर एक पोलिंग ऑफ़िसर आपकी पहचान की पुष्टि करेगा. अपने पास आप आईडी कार्ड के तौर पर मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या बैंक पासबुक में से कोई एक चीज जरूर लेकर जाएं.
इसके बाद आपको वोटर रजिस्टर पर दस्तख़त करने होंगे और इसके बाद दूसरा पोलिंग ऑफ़िसर आपको एक दस्तख़त की गई वोटर पर्ची देगा.
इसके बाद एक तीसरा पोलिंग ऑफ़िसर आपकी वोटर पर्ची लेकर बैलट बटन दबाएगा. ये बटन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम की कंट्रोल यूनिट पर लगा होता है.
अब आप अपना वोट देने के लिए तैयार हैं. आपको वोटिंग वाले कमरे का रास्ता बताया जाएगा जहां आप वोटिंग के लिए रखी हुई ईवीएम मशीन देखेंगे. यही मशीन आपका वोट दर्ज करेगी.
यहां पर थोड़ा इंतजार करें. ईवीएम मशीन पर बटन दबाते समय आगे बताई जा रही बातों को अवश्य ध्यान रखें.
दरअसल ये एक मशीन है जिस पर बटन के बगल में चुनाव में भाग ले रहे उम्मीदवारों के नाम लिखे होते हैं और साथ ही उनकी पार्टियों के चुनाव चिन्ह छपे होते हैं.
उम्मीदवार का नाम उस इलाके में प्रचलित भाषा में लिखा होता है, जहां वोटिंग हो रही हो. उम्मीदवार की पहचान के लिए चुनाव चिन्ह भी दिया जाता हो ताकि ताकि जिनको पढ़ना न आता हो उनको वोट देने में मदद हो.
जब आप वोट देने के लिए तैयार हो जाएं, अपनी पसंद के उम्मीदवार के बगल वाला नीला बटन प्रेस करें.
अब थोड़ा ठहर जाएं. इसका मतलब ये नहीं हुआ कि आपका वोट दर्ज हो गया है. ये तभी होगा जब आप बीप की आवाज़ सुन लें और ईवीएम की कंट्रोल यूनिट का इंडिकेटर बंद हो जाए. आपने अपना वोट दे दिया है!