कहां है पांचवा धाम, यहां शिव ने पांडवों को दिए थे दर्शन

Preeti Chauhan
Sep 27, 2024

हिंदू धर्म में चार धाम

देवभूमि उत्तराखंड में ऐसे कई प्राचीन मंदिर हैं, जो राज्य के साथ-साथ विदेशों तक में मशहूर हैं. हिंदू धर्म में चार धाम का काफी महत्व है. हर धार्मिक व्यक्ति अपने जीवन में चार धाम की यात्रा करना चाहता है.

चार धाम

अगर हम बात करें कि चार धाम कौन से हैं और कहां पर स्थित हैं तो...

चार धाम कहां

बद्रीनाथ उत्तरखंड,द्वारका गुजरात,जगन्नाथपुरी उड़ीसा, और रामेश्वरम तमिलनाडु में है.

कौन सा है पांचवां धाम

क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में पांचवां धाम कहां पर है ये कौन सा है. नहीं जानते तो कोई बात नहीं हम बताते हैं कि कौन सा धाम पांचवा धाम कहलाया जाता है.

हिंदू धर्म में पांचवां धाम

बूढ़ा केदार को हिंदू धर्म में पांचवां धाम माना जाता है.

टिहरी गढ़वाल में बूढ़ा केदार

यह देवभूमि उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में आता है जो बालगंगा और धर्मगंगा के पास है.

स्कंदपुराण में उल्लेख

इस मंदिर का उल्लेख स्कंदपुराण के केदारखंड में भी किया गया है. उत्तराखंड सरकार इस धरोहर को लगातार भव्य रूप देने में लगी है.

शंकराचार्य ने रखी नींव

ऐसा कहा जाता है कि पूर्व में शंकराचार्य ने इसकी आधारशिला रखी थी. मंदिर के दर्शन के लिए देश के विभिन्न क्षेत्र के अलावा नेपाल आदि जगहों से भी श्रद्धालु आते हैं.

पांडवों से जुड़ी कथा

गौ हत्या से मुक्ति पाने के लिए जब पांडव स्वर्गारोहण के लिए तो पांडव यहीं से होकर निकले थे. यहां पर पांडवों ने विश्राम किया था.

पांडवों को शिव ने दिए बूढ़े व्यक्ति के रूप में दर्शन

जिसके बाद शिव ने उन्हें बूढ़े व्यक्ति के रूप में दर्शन दिए थे. जिसके बाद पांडव यहां से स्वर्गारोहण के लिए निकले

इसलिए नाम पड़ा

शिव के बूढ़े व्यक्ति के रूप में दर्शन देने से यहां का नाम बूढ़ाकेदार पड़ा.

डिस्क्लेमर

स्पष्ट कर दें कि यहां पर कुछ फोटो AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है.

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