कौरवों और पांडवों के बीच 18 दिन तक महाभारत का युद्ध चला था, जिसके कई पराक्रमी योद्धाओं की आज भी चर्चा होती है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाभारत के युद्ध की जगह और समय किसने तय किया था, अगर नहीं तो आइए जानते है.
जब यह तय हो गया कि युद्ध किसी भी स्थिति में टाला नहीं जा सकता तो युद्ध की तैयारी शुरू हो गई. अब युद्ध की जगह और दिन चुना जाना था.
कृष्ण और भीष्म ने एकस्वर में कहा कि कुरुक्षेत्र के सम्यक पञ्चक प्रदेश का चुनाव किया.
इसी जगह पर भगवान परशुराम ने २१ बार क्षत्रियों का नाश करके उनके रक्त से 5 तालाब भर दिए थे.
कौरवों और पांडवों के पूर्वज कुरु को देवराज इंद्र ने वरदान दिया था कि यहां जिसकी भी मृत्यु होगी, वो स्वर्ग जाएगा.
इसी कारण दोनों ने इस स्थान का चुनाव किया. कुछ समय में दोनों ओर की सेनाएं कुरुक्षेत्र में उपस्थित हो गयीं.
युद्ध की जगह तय होने के बाद शुभ मुहूर्त की बात आई. इसके लिए कई ज्योतिषविदों को युद्ध के सही समय के लिए बुलाया गया.
लेकिन दुर्योधन ने सहदेव से मुहूर्त निकालने के लिए कहा.सहदेव त्रिकाल दर्शी थे, उन्होंने युद्ध को आरम्भ करने का शुभ मुहूर्त निकाला था.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.