महाभारत की कथा दुर्योधन के बिना अधूरी है. कहा जाता है कि धतृराष्ट्र पुत्र मोह में इस तरह से जकड़े थे कि वे दुर्योधन के अवगुणों को देख नहीं सके. नतीजा यह रहा कि महाभारत का युद्ध हो गया. हालांकि, दुर्योधन को लेकर कहा जाता है कि उसके जैसा मित्र नहीं हो सकता. पत्नी पर भी विश्वास करता था.
दुर्योधन को अपनी पत्नी पर पूरा विश्वास था. दुर्योधन की पत्नी के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं.
महाभारत के युद्ध में दुर्योधन की पत्नी भानुमती अहम रोल था. भानुमति काम्बोज के राजा चंद्रवर्मा की पुत्री थी.
दुर्योधन ने उनका अपहरण कर विवाह रचा लिया था. दोनों को थे. बेटे का नाम लक्ष्मण और बेटी का नाम लक्ष्मणा था.
कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध में दुर्योधन के पुत्र की मौत हो गई थी. बेटे की मौत के बाद वह काफी दुखी रह रही थीं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भानुमति की पुत्री लक्ष्मणा के साथ भी उनकी माता की तरह ही विवाह का दृश्य सामने आया.
लक्ष्मणा भी भानुमति की ही तरह बेहद सुंदर और चतुर थीं, जब वह बड़ी हुईं तो दुर्योधन ने लक्ष्मणा का विवाह कर्ण के पुत्र वृषसेन से करने की योजना बना ली.
लेकिन दुर्योधन ने अपनी पुत्री के लिए एक स्वयंवर रचा जिसमें पहले से ही यह तय था कि लक्ष्मणा किसे वरमाला पहनाएंगी. दुर्योधन की योजना के खिलाफ कृष्ण पुत्र साम ने जबरदस्ती लक्ष्मणा से विवाह कर लिया.
महाभारत की पौराणिक कथा के अनुसार, कहा जाता है कि जब युद्ध समाप्त हो गया और दुर्योधन की मृत्यु हो गई तब पांडवों ने अपने वंश को आगे बढ़ाने के लिए भानुमति को अपनी पत्नी बनाने का विचार किया.
उस समय भानुमति ने अर्जुन से विवाह कर पांडवों के परिवार का हिस्सा बन गईं थीं.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.