इस्लान मानने वाले लोग ईद -उल -मिलाद को पैगंबर साहब के सालगिरह के रुप मे मनाते है.
अब चूकिं इस्लाम का सारा त्योहार चांद के परिक्रमा पर निर्भर करता है. तो ऐसी मान्यता है कि इस्लाम के तीसरे महीने में मनाते है.
इस साल ईद - उल - मिलाद या नबी 27 सितंबर की शाम को शुरु होगा और 28 सितंबर की शाम को खत्म हो जाएगा.
इस दिन मस्जिद में जुलूस और शिक्षा का पाठ पढ़ाया जाता है.
कई देशों ने इस दिन को राष्ट्र अवकाश घोषित कर दिया है.
बताया जाता है कि 40 साल की उम्र में अल्लाह ने मोहम्मद साहब की ओर संदेश प्राप्त हुआ और फरमाया कि ये सभी सूर्य, चंद्रमा, तारे मैने दुनिया को दिए हैं. मुझे ही हमेशा याद में रखो. केवल मैं ही हूं और मेरा कोई मानी-सानी नहीं. लोगों को यह समझाओ.
मोहम्मद साहब के सम्मान में इस दिन हर जगह जुलूस निकाले जाते हैं और लोग इस दिन गरीबों व जरूरतमंदों को दान व जकात करते हैं.