आध्यात्म की ओर जिन लोगों का मन रम जाता है, वह सभी कुछ छोड़कर इसी ओर चले जाते हैं.इनमें साधु-संतों का अहम स्थान है.
इनका जीवन जप-तप करने के साथ ही बेहद रोमांचक होता है. इन्हीं में नागा साधुओं की गिनती होती है, जो खास मौकों पर ही नजर आते हैं.
नागा साधुओं को तो लगभग हर किसी ने देखा या फिर इनके बारे में सुना होगा. खासतौर पर कुंभ-अर्धकुंभ में इनकी टोलियां दिखाई देती हैं.
लेकिन क्या आपको मालूम है कि पुरुषों की तरह ही महिला नागा साधु भी होती हैं. लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या पुरुषों की तरह ये भी निर्वस्त्र रहती हैं.साथ ही इनका जीवन कैसा होता है. आइए जानते हैं.
बता दें कि पुरुष नागा साधुओं के मुकाबले महिला नागा साधुओं की संख्या कम होती है, इनको ज्यादातर आप कुंभ के समय में देख सकते हैं.
महिला नागा साधुओं की दुनिया बेहद रहस्यमयी होती है. महिलाओं को नागा साधु बनने के लिए कठिन परीक्षा से गुजरना होता है.
महिला नागा साधुओं को ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करना होता है, साथ ही जीवित रहते ही पिंड दान करना पड़ता है.
इसके बाद मुंडन कराया जाता है और पवित्र नदी में स्नान करना होता है, इसके बाद उनको नागा साधु का दर्जा मिलता है.
महिला नागा साधु निर्वस्त्र नहीं रहती है, वह गेरुआ रंग का बिना सिला हुआ वस्त्र पहनती हैं. इनको माता कहकर पुकारा जाता है.
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. ZEE UP UK इसकी पुष्टि नहीं करता है.