बलिया का सुरहा ताल (Surha Tal) एक प्राकृतिक झील है, सुरहा ताल एक ऐतिहासिक झील है जिसका राजा सूरथ से संबंध है. यहां अगर आप घूमने आते हैं तो आपको अद्भुत शांति का मिलेगी.
कहते हैं कि यहीं पर अयोध्या के रघुवंशी राजा सूरथ का कुष्ठ रोग से निदान हुआ जिसके बाद इस झील का नाम सुरहा ताल पड़ा. राज का रोग दूर हुआ तो इसके आसपास उन्होंने पांच बड़े मंदिर बनवाए.
सुरहा ताल के कई नाम हैं गोखुर झील, पक्षी विहार, कुशहृदवृंद सरोवर है जिसका सीधा संबंध गंगा और सरयू से है.
ताल गंगा और घाघरा दोनों से भी जुड़ा है. यहां की हरियाली आपका मन मोह लेगी. आनन्द, प्रसन्नता और सुकून देगी.
खास बात ये है कि सुरहा ताल कई कई तरह की औषधियां पाई जाती है जो आस पास के वातावरण को शुद्ध कर देती हैं.
उत्तर प्रदेश के बलिया यह सुरहा ताल विदेशी सैलानी पक्षियों की पसंदीदा जगह है.
झील में विदेशी साइबेरियन पक्षी आते हैं और अपने बच्चे भी यहीं पैदा करते हैं.
विदेशों से सुरहा ताल आए ये पक्षी पैदा हुए अपने बच्चे को ठंड खत्म होने के बाद अपने देश चले जाते हैं.