यूपी की इस जेल में फांसी नहीं होती, अंग्रेजी रिवाज जो कभी न बदला

Sumit Tiwari
Apr 11, 2024

रहस्यों से भरे

आपने ऐसे कई मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों के बारें सुना होगा जो रहस्यों से भरे हुए है.

यूपी के हरदोई

एक ऐसी ही जगह यूपी के हरदोई में स्थित है, जिसे फांसी का तख्त पलटने वाले ‘हरदोई बाबा’ के नाम से जाना जाता है.

हरदोई बाबा मंदिर

हरदोई में कोई भी धार्मिक आयोजन और संस्कार हरदोई बाबा के मंदिर में जाए बिना नहीं होता है.

मंदिर के रहस्य

हरदोई बाबा का के मंदिर के रहस्य की कहानी ब्रिटिश हुकूमत के समय से जुड़ी हुई है.

अंग्रेजी हुकूमत

जब भारत में अंग्रेजी हुकूमत का राज हुआ करता था, तब हरदोई जिले में जिला जेल के अंदर फांसी की सजा सुनाई जाती थी.

निर्दोष को फांसी

एक बार किसी निर्दोष को फांसी की सजा सुना दी गई. निर्दोष ने बाबा से आकर उसे फांसी दिए जाने की शिकायत की थी. जिस पर बाबा क्रोधित हो गए थे.

बाबा के मना करने के बावजूद

बाबा के मना करने के बावजूद भी अंग्रेजों ने उस व्यक्ति को फांसी दे दी थी. तख्त पलटने के साथ फांसी दिए गए व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई थी.

हरदोई से हटाकर फतेहगढ़

बताया जाता है कि स्वप्न में आकर बाबा ने अंग्रेज जेलर से फांसी के तख्त को हरदोई से कहीं और ले जाने का आदेश दिया था. स्वप्न से डरे अंग्रेज जेलर ने फांसी के तख्त को हरदोई से हटाकर फतेहगढ़ भेज दिया था.

हरदोई जेल में फांसी

तब से लेकर के आज तक हरदोई जेल में फांसी की सजा नहीं दी जाती है. अदालत के द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा आज भी सेंट्रल जेल फतेहगढ़ में दी जाती है.

मंदिर के पुजारी

मंदिर के पुजारी प्रीतेश दीक्षित ने बताया कि यह मंदिर करीब 400 वर्ष पुराना है. मान्यता ये भी है कि इस मंदिर में हवन कुंड की आग प्रचीन काल से निरंतर जलती आ रही है.

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