इन बीमारियों पर जादू की तरह काम करता है नारियल तेल
नारियल का तेल कई प्रकार से तैयार किया जाता है. जैसे- ऑर्गेनिक नारियल का तेल, नॉन आर्गेनिक नारियल का तेल, रिफाइंड नारियल का तेल, वर्जिन / अनरिफाइंड / कोल्ड प्रेस्ड कोकोनट ऑयल और भी कई प्रकार का तेल बाजार में बेचने के लिए आता है.
अब आपके मन में सवाल होगा कि सेहत सही रखने के लिए किस प्रकार के नारियल तेल इस्तमाल करना चाहिए. अनरिफाइंड नारियल का तेल अन्य नारियल तेल के प्रकार की तुलना में ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है. सेहत से लेकर सौंदर्य ठीक करने के लिए अनरिफाइंड नारियल तेल का ही प्रयोग करें.
नारियल तेल का प्रयोग वजन घटाने के लिए किया जा सकता है. नारियल के तेल में मीडियम चेन फैटी एसिड. जैसे लॉरिक एसिड, कैप्रेटेलिक एसिड और कैपरिक एसिड होते हैं. ये सभी एसिड वजन कम करने में सबसे फायदेमंद माने जाते हैं. वजन घटाने के लिए नारियल का तेल तभी फायदा देगा जब इसके साथ योग और एक्सरसाइज किया जाएगा.
खाना पकाने में नारियल तेल का इस्तमाल करने से पाचन तंत्र में सुधान होता है. इससे पाचन तंत्र सही ही नहीं बल्कि इससे कब्ज, डायरिया औऱ गैस जैसी समस्या में भी लाभ मिलता है.
नारियल में एंटीकॉन्वुल्सेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. मिर्गी के दौरे रोकने के लिए एंटीकॉन्वुल्सेंट का ही प्रयोग किया जाता है. कहा जाता है कि नारियल के तेल से मिर्गी की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है.
नारियल के तेल का प्रयोग करने से मधुमेह भी काफी हद तक कम हो जाता है. एक रिसर्च में कहा गया है कि वर्जिन कोकोनट ऑयल में डायबिटीज कंट्रोल करने की क्षमता होती है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन करना नुकसानदायक भी हो सकता है.
नारियल तेल में पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो हृदय रोगों का खतरा कई गुना तक कम कर सकते हैं. हार्ट पेशेंट सीमित मात्रा में नारियल तेल को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
यहां दी जा रही जानकारी तमाम लेखों और किताबों की मदद से ली गई है. किसी भी प्रकार का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.