श्रीराम से विवाह से पहले कैसी दिखती थीं मां सीता

Apr 25, 2024

कैसे हुआ राम और सीता का विवाह

रामायण के पात्रों के बारे में कौन नहीं जानता. राम जानकी एक आदर्श कपल कहे जाते हैं. राम ने सीता का त्याग करने के बाद दूसरा विवाह नहीं किया था. क्या आप जानते हैं कि राम और सीता का विवाह कैसे हुआ. भले ही उनका स्वयंवर हुआ हो पर राम जी को उसके लिए निमंत्रण नहीं दिया गया थै.

जनकपुरी कैसे गए राम

अब ये बात उठती है कि अगर राम जी को निमंत्रण नहीं भेजा गया था तो भगवान राम जनकपुरी पहुंचकर सीता स्‍वयंवर में शामिल कैसे हुए?

अयोध्या नहीं गया सीता स्वयंवर का न्योता

सीता स्‍वयंवर का निमंत्रण अयोध्‍या नहीं भेजने का कारण राजा जनक का बड़ा डर माना जाता था. इसका जिक्र कई पौराणिक कथाओं में मिलता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, जनकपुरी में एक व्यक्ति की शादी हुई थी. वह पहली बार ससुराल जा रहा था तब उसे रास्ते में एक जगह दलदल मिला. जहां पर गाय फंसी हुई थी, उसकी हालत दयनीय थी.

गाय ने दिया शाप

उस ग्रामीण ने सोचा कि गाय को बचाएगा तो कीचड़ में जाने पर कपड़े खराब हो जाएंगे और वो दलदल में फंस भी सकता था. इसलिए वह गाय के ऊपर पैर रखकर आगे निकल गया. जैसे ही उसने दलदल को पार किया गाय ने दम तोड़ दिया और व्‍यक्ति को शाप दिया कि तू जिसके लिए मुझे मरता छोड़कर जा रहा है, उसे ही देख नहीं पाएगा. अगर उसे देखेगा तो उसकी मौत हो जाएगी.

शाप का डर

वह इसके बाद ससुराल पहुंचा और अपनी पीठ करके दरवाजे के बाहर ही बैठ गया. कोशिशों के बाद भी वह अंदर नहीं गया. उसकी पत्‍नी ने उससे अंदर चलने को कहा, लेकिन व्‍यक्ति ने शाप के डर से उसकी तरफ देखा ही नहीं.

गाय का शाप

जब उसकी पत्‍नी ने इसका कारण पूछा तो उसने गाय के शाप के बारे में बताया. फिर पत्‍नी ने कहा कि मैं पतिव्रता स्‍त्री हूं, मुझे देखो कुछ नहीं होगा. फिर व्‍यक्ति ने जैसे ही पत्‍नी की तरफ देखा उसकी आंखों की रोशनी चली गई.

राजा जनक के दरबार में महिला

स्‍त्री अपने अंधे पति को लेकर राजा जनक के दरबार में गई. उसने राजा जनक को पूरी बात बताई. फिर राजा जनक ने राज्य के सभी विद्वानों को बुलाकर समस्या बताई और गौ-शाप से मुक्ति का उपाय पूछा. सभी विद्वानों ने कहा कि व्‍यक्ति की पत्‍नी को छोड़कर अगर कोई दूसरी पतिव्रता स्‍त्री छलनी में गंगाजल लाकर छींटे उसकी आंखों पर लगाए, तो गौ-शाप से मुक्ति मिल जाएगी.

पतिव्रता नारी

जब यह सूचना अयोध्‍या के राजा दशरथ को मिली, तो उन्‍होंने अपनी सभी रानियों से पूछा. इस पर सभी रानियों ने कहा कि राजमहल तो क्या आप राज्य की किसी भी महिला से पूछेंगे, तो वह भी पतिव्रता मिलेगी. राजा दशरथ ने एक सफाई वाली को बुलाया. पूछे जाने पर महिला ने कहा कि वह पतिव्रता स्‍त्री है.

किस बात से डरे राजा जनक

सीता स्वयंवर के समय राजा जनक को सफाई वाली महिला का ध्‍यान आया तो उन्‍होंने सोचा कि इतनी पतिव्रता महिला का पति कितना शक्तिशाली होगा. अगर राजा दशरथ ने इसी तरह से किसी द्वारपाल या सैनिक को स्वयंवर में भेज दिया, तो वह तो धनुष को आसानी से उठा लेगा. ऐसे में राजकुमारी का किसी राजकुमार के बजाय सैनिक या द्वारपाल से हो जाएगा. इसी डर के कारण राजा जनक ने सीता स्वयंवर का निमंत्रण अयोध्या नहीं भेजा.

कहां हुई थी सीता और राम की मुलाकात

जब जनकपुर की वाटिका में सीताजी से राम पहली बार मिले थे. इसी पुष्पवाटिका में भगवान राम गुरु विश्वामित्र और भाई लक्ष्मण के साथ आए थे. जहां प्रभु राम ने जानकी को देखा था.

विवाह से पहले कैसी दिखती थी सीता

श्रीराम से विवाह होने से पहले भी देवी सीता का रूप मोहक था.पुराणों के मुताबिक कई राज्यों के राजकुमारों के मन में उनको पाने का सपना था. लेकिन सिया के मन में तो राम पहले ही बसे थे. उन दोनों का स्वयंवर हुआ.

यहां विराजमान हैं मां सीता

रामनगर से 25 किलोमीटर दूर रामनगर में सीतावनी मंदिर है. इस मंदिर को त्रेता युग का बताया जाता है. यहां पर लव और कुश की प्रतिमाएं भी सीता माता के साथ विराजमान हैं.

Disclaimer

स्पष्ट कर दें कि यह AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है.

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