कौरवों और पांडवों के बीच 18 दिन तक महाभारत का महायुद्ध हुआ था, जिसके कई पराक्रमी योद्धाओं की आज भी चर्चा होती है.
महाभारत में कई ऐसे पात्र और किस्से हैं जो ज्यादा चर्चित नहीं रहे. इनके बारे में शायद ही आपने सुना होगा.
श्रीकृष्ण और दुर्योधन के समधी बनने का किस्सा भी इसी में शामिल है. दोनों के कुटुंब के बीच प्रेम विवाह को लेकर महाभारत छिड़ी थी.
भगवान श्रीकृष्ण की 8 पत्नियों में से एक जाम्बवती थीं. उनके बेटे का नाम साम्ब था.
महाभारत के अनुसार साम्ब को दुर्योधन-भानुमती की बेटी लक्ष्मणा से प्यार हो गया था. दोनों एक दूसरे को प्यार करते थे.
दुर्योधन अपनी बेटी का विवाह श्रीकृष्ण के बेटे से नहीं करना चाहता था.
लेकिन साम्ब और लक्ष्मणा एक दूसरे से प्यार करते थे. दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया.
कौरवों को जब इसका पता लगा तो उन्होंने साम्ब को बंदी बना लिया.
इसका पता चलने पर बलराम हस्तिनापुर पहुंचे और साम्ब-लक्ष्मणा को विदा करने का निवेदन किया. लेकिन कौरव तैयार नहीं हुए.
इससे बाद क्रोधित बलराम अपने हल से हस्तिनापुर की धरती को खींचकर गंगा में डुबोने चल दिए. इससे भयभीत कौरवों ने लक्ष्मणा को साम्ब के साथ विदा किया.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.