दोस्त कहीं दगाबाज तो नहीं, चाणक्य ने बताया ऐसे मतलबी दोस्तों की 5 पहचान

Pooja Singh
Jul 02, 2024

चाणक्य नीति

चाणक्य नीति जीवन के हर पहलु की बात करती है. हर रिश्ते के बारे में बताती और आगाह करती है. आज चाणक्य नीति 'दोस्ती' पर है. जानेंगे कैसे दोस्तों से सावधान रहें?

दोस्ती का रिश्ता

दोस्ती सभी रिश्तों में सबसे मजबूत बताई गई है. इंसान को कई रिश्ते जन्म के साथ ही मिलते हैं, लेकिन दोस्ती एक मात्र ऐसा रिश्ता है जो इंसान खुद बनाता है.

सभी दोस्त नहीं

दोस्ती सबसे बढ़कर माना गया है, लेकिन इसे लेकर आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिन्हें जानना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि हाथ मिलाने वाले सभी दोस्त नहीं होते.

सावधानी जरूरी

चाणक्य नीति के मुताबिक, मित्रता करते समय सावधानी बरतें. कैसी भी परिस्थिति आए मित्र को सभी बातें न बताएं. अगर मित्र विश्वासपात्र न हो तो हानि का खतरा होता है.

स्वार्थी मित्र

स्वार्थी मित्रों से दूरी बनाकर रखें. क्योंकि ऐसे लोग सिर्फ आपसे लाभ लेना चाहते हैं. वे आपका भला नहीं चाहते हैं, समय का लाभ उठाते रहे हैं. बुरा समय आने पर ये किनारा करेंगे.

मतलबी दोस्त

मतलबी और लोभी स्वभाव वाले मित्रों से बचकर रहें, क्योंकि ऐसे लोग सिर्फ अपना ही भला सोचते हैं. मतलब पूरा करने के लिए ऐसे लोग कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता है.

मुर्ख दोस्त

चाणक्य नीति की मानें तो दोस्त सदैव होशियार बनाना चाहिए क्योकि मूर्ख दोस्त कब-कहां आपको फंसा दे कोई नहीं जानता है. इसलिए ऐसे दोस्त बनाएं जिनसे आप कुछ सीखें.

दोस्त से बेहतर शत्रु

चाणक्य नीति के मुताबिक, होशियार शत्रु मुर्ख मित्र से कई गुना बेहतर है, जो कुछ तो आपको सीखा रहा है. छल करने वाले दोस्त से भी आपको सावधान रहना चाहिए.

बुराई करने वाला

अगर कोई दूसरों की बुराई करता रहता है तो ऐसे दोस्तों से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए, क्योंकि वो शख्स आपको भी नहीं छोड़ेगा.

इनसे भी बचें

बहुत भावुक दोस्त से भी रहना चाहिए, क्योंकि ये भावुकता में सारे राज खोल सकते हैं. साथ ही जो सबका दोस्त हो उससे भी बचने की जरूरत है.

Disclaimer

यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं और चाणक्य नीति पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.

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