चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है. वो एक प्राचीन शिक्षक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री और शाही सलाहकार थे.
चाणक्य नीति के अनुसार, स्वार्थी और धोखेबाज लोग हमेशा हेरफेर करने में माहिर होते हैं. अक्सर अपने लक्ष्यों को पाने के लिए झूठ और छल करते हैं.
चाणक्य नीति के हिसाब से ऐसे लोग दूसरों का फायदा उठाते हैं. साथ ही दूसरों के धन और संपत्ति को लेकर हमेशा लालच करते रहते हैं.
धोखेबाज लोगों में नैतिक सिद्धांतों और ईमानदारी की कमी होती है. ये लोग अपने फायदे के लिए एथिक्स और वैल्यूज तक भूल जाते हैं.
चाणक्य नीति के मुताबिक, स्वार्थी और धोखेबाज लोग अपने हितों को दूसरों के हितों से ऊपर रखते हैं. वो अपने फायदे के लिए काम करते हैं.
स्वार्थी इंसानी अवसरवादी होते हैं और हमेशा परिस्थितियों से लाभ उठाने के तरीके खोजते रहते हैं, भले ही इसका मतलब दूसरों को परेशान करना या नियम तोड़ना हो.
स्वार्थी और धोखेबाज लोग हमेशा दो चेहरे लेकर चलते हैं. वे दुनिया के सामने कुछ और असल में कुछ और ही होते हैं.
चाणक्य नीति के हिसाब से जो दूसरों के दूसरों के दुख से कभी दुखी नहीं होते हैं. ऐसे लोगों में सहानुभूति और करुणा की कमी होती है.
यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं और चाणक्य नीति पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.