न नोटिस-न सस्पेंशन, सीधे जेल, इस तेजतर्रार IAS के पूरे यूपी उत्तराखंड में चर्चे

Zee News Desk
Oct 23, 2023

जन्म

आईएएस दीपक रावत का जन्म 24 सितंबर 1977 को उत्तराखंड के मसूरी में हुआ था.

वर्तमान में

रावत वर्तमान में उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं. अपने सख्त मिजाज के लिए जाने जाते हैं.

राष्ट्रीय पुरस्कार मिला

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के द्वारा उन्हें जिला पोषण उद्देश्य के अधिकारी के रूप में अपने काम के लिए रावत को 2019 में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला.

सस्पेंड़ कर सीधा जेल

दीपक रावत लापरवाह आधिकारियों को बिल्कुल नहीं बख्शते सस्पेंड कर सीधा जेल भेजते हैं.

छापे मारने के लिए जाने जाते हैं

दीपक रावत ने जिलाधिकारी के रूप में विभिन्न पदों पर कार्य किया है. इस दौरान उन्हें अनेक विभागों में छापे मारने के लिए जाना जाता हैं.

बैकअप करियर पत्रकारिता

दिल्ली में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान रावत ने अपने बैचमेट्स के साथ UPSCपरीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. तब उन्होंने बैकअप करियर ऑप्शन के तौर पर पत्रकारिता को रखा था.

दबाव में ली साइंस स्ट्रीम

12वीं में दीपक साइंस के बजाय आर्ट्स विषय लेना चाहते थे,मगर अभिभावकों के दबाव में साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई करनी पड़ी.

ग्रेजुएशन

रावत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से इतिहास में बीए किया है. और जेएनयू से इतिहास में एमए और एन्शियंट हिस्ट्री में एमफिल की डिग्री हासिल की है.

तीसरे प्रयास में UPSC

रावत यूपीएससी परीक्षा के दो अटेंप्ट में असफल होने के बाद साल 2007 में वे उत्तराखंड कैडर के IAS अफसर बने.

40 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स

सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय हैं. यूट्यूब पर उनके 40 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.

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