आंकड़ों के मुताबिक, सरकार हर साल आईएएस-आईपीएस और अन्य सिविल सेवकों की ट्रेनिंग में 288 से 300 करोड़ रुपये तक खर्च करती है.
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी यानी LBSNAA मसूरी में ये प्रशिक्षण कार्यक्रम चलता है. यहां उन्हें 56,100 रुपये मासिक स्टाइपेंड मिलते हैं.
मेस और छात्रावास शुल्क के लिए कटौती होती है, इसके बाद 35,000 से 40,000 रुपये तक हर महीने स्टाइपेंड मिलते हैं.
IAS ऑफिसर की ट्रेनिंग लगभग 2 साल तक चलती है, जिसे कई चरणों में विभाजित किया जाता है. ट्रेनिंग 5 अलग-अलग चरणों में होती है.
जिन 5 चरणों में ट्रेनिंग होती है उनमें फाउंडेशन कोर्स, भारत दर्शन, शैक्षणिक मॉड्यूल, जिला प्रशिक्षण और विशेष सत्र शामिल हैं.
LBSNAA में IAS ऑफिसर के पास आरामदायक रहने की जगह, अध्ययन क्षेत्र, पुस्तकालय, मनोरंजन स्थान और बहुत कुछ उपलब्ध होता है.
LBSNAA में IAS की ट्रेनिंग देने का मुख्य उद्देश्य IAS ऑफिसर को कई प्रशासनिक भूमिकाओं के लिए तैयार करना होता है.
IAS अधिकारियों को ट्रेनिंग के बाद 56,100 रुपये हर महीने वेतन मिलता है. इसके अलावा कई तरह के भत्ते भी उन्हें दिए जाते हैं.
DA, HRA जैसे भत्तों को मिलाकर एक IAS अधिकारी का कुल वेतन 1 लाख रुपये से लेकर 2.5 लाख रुपये हर महीने तक हो जाता है.
जैसे-जैसे आईएएस अधिकारियों को काम करने का अनुभव होता है और उनको प्रमोशन मिलता है, उनका वेतन भी बढ़ता जाता है.
IAS ऑफिसर को मुफ्त या सब्सिडी वाली बिजली और टेलीफोन सेवाएं, सरकारी आवास या मकान किराया भत्ता, आधिकारिक वाहन और ड्राइवर की सुविधा दी जाती है.
सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च, बेंगलुरु, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट, हैदराबाद, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, दिल्ली में ट्रेनिंग दी जाती है.
कुछ आईएएस अधिकारियों को विदेश में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है, जैसे कि यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, या ऑस्ट्रेलिया.
सरकार ने UPSC के जरिये लेटरल एंट्री के 45 पदों पर भर्ती निकाली है. इसमें 10 संयुक्त सचिव और 35 उप सचिव स्तर के हैं. ये कांट्रैक्ट पर भर्ती होगी.
उप सचिव के पदों की न्यूनतम उम्र 35 और संयुक्त सचिव के लिए 45 साल है. इसमें चयनित अभ्यर्थियों को 2.3 से 2.7 लाख रुपये तक मासिक वेतन और भत्ता मिलेगा.