वैसे तो अलीगढ़ तालों के लिए जाना जाता है पर यहां के खानपान का अपना अलग ही अंदाज है. तालानगरी की एक चीज बहुत फेमस हैं और वो है मिठाई. ये इतनी स्वादिष्ट है कि इसकी मिठास देश के कोने-कोने तक पहुंच चुकी है.
जी हां हम बात कर रहे हैं इगलास की मशहूर मिठाई चमचम की. इसका नाम भी मजेदार और खाने में भी मजेदार.
इगलास की 'चमचम' मिठाई यहां की सुप्रसिद्ध मिठाई है. खास बात है कि ये चमचम सिर्फ यहीं बनती है.
चमचम मिठाई अलीगढ़ की तहसील इगलास में बनाई जाती है. दूध के छैना से बनने वाली ये मिठाई इतनी स्वादिष्ट होती है कि जो इसे खा ले वह दोबारा जरूर खाना चाहेगा.
साल 1944 में चमचम मिठाई बनाने की शुरुआत यहां के प्रसिद्ध हलवाई स्व. लाला रघुवरदयाल उर्फ रग्घा सेठ ने की थी. उस समय सारा काम हाथ से किया जाता था. अब यह दुकान उनके बेटे चला रहे हैं.
चमचम दूध से तैयार होती है. दूध को फाड़कर पहले छैना तैयार किया जाता है. फिर इसे सीधे चीनी की चासनी में पकाया जाता है. बता दें कि चमचम में घी या रिफाइंड का इस्तेमाल नहीं होता है.
चमचम अगर कोई नहीं जानता हो तो इसे गुलाबजामुन ही समझेंगे. इसका रंग रूप काफी हद तक गुलाब जामुन से मिलता है.
इगलास अलीगढ़ शहर से 24 किमी की दूरी पर अलीगढ़-मथुरा रोड के साथ स्थित है. यह अलीगढ़ जिले की तहसीलों में से एक है. इगलास खैर शहर से 28 किमी और हाथरस शहर से 16 किमी दूर है. यह सासनी से 14 किमी और मथुरा शहर से 40 किमी दूर, भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है.
सरकार ने इस मिठाई को जीआई टैग की लिस्ट में शामिल किया गया है. यह टैग किसी भी उत्पाद को उसके मूल स्थान, जहां का वह उत्पाद है वहां से जोड़ने का काम करता है.