उत्तर प्रदेश में एक ऐसा अनोखा गांव है, जहां के ज्यादातर मर्द कुवारे हैं. गांव में शहनाइयां की गूंज नहीं सुनाई देती है.
इसीलिए इस गांव को कुंवारे बुजुर्गों का गांव कहा जाने लगा है. यहां कोई बेटी ब्याहने को तैयार नहीं दिखता है.
गांव की करीब 70 फीसदी से ज्यादा आबादी कुंवारी है. शादी न होने की वजह से इनको घर में खुद खाना बनाना पड़ता है.
इसी के चलते इस गांव में पुरुष दोबारा जन्म नहीं लेना चाहते हैं. यह गांव यूपी के औरैया जनपद में स्थित है. जिसका नाम है कथौली.
आपके मन में भी ख्याल आ रहा होगा कि आखिर गांव में पुरुषों की शादी न होने की आखिर क्या वजह है. चलिए आपको बताते हैं.
दरअसल यहां कोई बीमार नहीं है जो विवाह में रोड़ा नहीं बन रही हो, सभी स्वस्थ्य हैं लेकिन फिर भी ज्यादतर पुरुषों की शादी के लाले पड़े हैं.
औरैया जिले में कई कुख्यात डकैत जिनमें लालाराम, निर्भय गुर्जर के नाम शुमार हैं. डकैतों का इस गांव में आना-जाना बरकरार था.
इसी वजह के चलते कोई भी पिता अपनी बेटी की शादी इस गांव में करने को तैयार नहीं रहता था. डकैतों के खात्मे के बाद भी यहां की तस्वीर पहले जैसी ही है.
गांव में डकैत और विकास न होने की वजह से इस गांव में शादियां नहीं होती हैं.