लगभग सभी बोर्ड के रिजल्ट घोषित हो चुकी हैं. ऐसे में छात्र दाखिले के लिए तरह-तरह के कोर्स का पता लगा रहे हैं. भारत की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा बच्चे इंजीनियरिंग में करियर बनाते हैं. हालांकि, बहुत कम बच्चों को पता है कि भारत का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज कौन सा है.
वैसे तो भारत में कई यूनिवर्सिटी हैं, जो इंजीनियरिंग का कोर्स कराती हैं. हालांकि, सबसे पहले इंजीनियरिंग कॉलेज के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं.
भारत का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज को यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की के नाम से जाना जाता है.
इसे सबसे पहले थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग के नाम से भी जाना जाता था.
यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की की स्थापना साल 1847 में की गई थी.
यहां दाखिले के लिए कड़ी परीक्षा से होकर गुजरना पड़ता है. तब जाकर एडमिशन मिलता है.
यहां पर एडमिशन मिलने का सीधा मतलब होता है कि आपकी नौकरी पक्की हो गई है.
नौकरी भी कोई छोटी मोटी नहीं, यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को लाखों करोड़ों में पैकेज मिलता है.
आज इसे यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की या फिर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के नाम से जाना जाता है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में एडमिशन के लिए JEE Main एग्जाम में बैठना होता है.
मेन में क्वालीफाई करने के बाद ही जेईई एडवांस क्रैक करना होता है.