यूपी के ये दो गांव कभी थे सबसे सुखी

Preeti Chauhan
May 25, 2024

श्रावस्ती

उत्तर प्रदेश का श्रावस्ती वह स्थान है जहां बुद्ध ने वो चमत्कार किए थे जिनकी चर्चा सबसे ज़्यादा होती है.

महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल

श्रावस्ती जिला हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. यहां देश और विदेश से लोग आते हैं.

अनन्तपिण्डक और अंगुलिमाल

श्रावस्ती में एक स्तूप में उनके दो महान शिष्यों अनन्तपिण्डक और अंगुलिमाल की अस्थियां हैं. यहां आज भी सहेट और महेट नाम के दो गांव हैं.

सबसे सुखी

ऐसा कहा जाता है कि ये बौद्ध-विश्व में कभी सबसे सुखी हुआ करते थे. यह अनन्तपिण्डक ने अपने भगवान बुद्ध के लिये जेतवन ख़रीदा था.

सहेट-महेट गांव

सहेट-महेट गांव की पहाड़ियों पर अनन्तपिण्डक के स्तूप और एक अन्य स्तूप के अवशेष हैं.

बुद्ध ने कई चमत्कार किए

ऐसा कहा जाता है कि बुद्ध ने कई चमत्कार किए लेकिन श्रावस्ती का चमत्कार सबसे अलग थ. जिसकी वजह से 90 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया था.

पहला-दूसरा रूप

चमत्कारों की कहानी बौद्ध लोक कथा के अनुसार पहला रुप पाली ग्रंथ धम्मपद अट्ठकथा में और संस्कृत में दूसरा रुप प्रतिहार सूत्र में है.

बुद्ध के चमत्कार

बौद्ध धर्म को मानने वालों का विश्वास है कि बुद्ध ने ये चमत्कार ज्ञान प्राप्त होने के सात साल बाद प्राचीन भारतीय शहर श्रावस्ती में किया था.

नास्तिक के सामने चमत्कार

बुद्ध के एक शिष्य ने एक नास्तिक के सामने ऐसा चमत्कार दिखाया कि वह हैरान रह गया और उसने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया. इसके बाद बुद्ध ने शिष्यों को चमत्कार करने से रोक दिया.

दो बार चमत्कार

बुद्ध ने दो बार चमत्कार किये, एक कपिलवस्तु (बुद्ध का जन्मस्थान) और श्रावस्ती में चमत्कार किया.

चमत्कार

चमत्कार के दौरान बुद्ध के कंधों से लपटें निकलने लगीं और पांवों से पानी फूट पड़ा था.

बेहतर इंसान और बेहतर शिक्षक

लोगों को लगा कि बुद्ध ही असली विजेता, बेहतर इंसान और बेहतर शिक्षक हैं. इस घटना के बाद 90 हज़ार लोगों ने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया.

चले स्वर्ग की ओर

महायान परंपरा के अनुसार चमत्कार के बाद बुद्ध अपने वर्षावास के तीन महीने के लिये स्वर्ग की ओर निकल पड़े.

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