यह पिस्टल मोबाइल के वाई-फाई से या ब्लूटूथ से बड़ी ही आसानी से कनेक्ट हो जाती है. गोरखपुर आईटीएम गीडा की ये तीनों छात्राएं जिन्होंने यह अलग तरह की पिस्टल बनाई है उनका नाम अंशिका पाठक, स्मिता जायसवाल व प्रीति रावत हैं.
महिलाओं की सुरक्षा हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है ऐसे में इन छात्राओं ने यह इलेक्ट्रॉनिक पिस्टल बनाया है जोकि इस ओर मददगार साबित हो सकती है.
अंशिका पाठक के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर महिला सुरक्षा और आपात सेवा के लिए हमने नारी शक्ति गन को तैयार किया है.
महिला को अगर कोई भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो इस पिस्टल में लगे ट्रिगर को महिला दबाकर 10 हजार वोल्ट का करेंट सामने वाले को दे सकती है और डिवाइस से जुड़े फोन के जरिए आपात नंबर से मदद हो जाएगी.
पाठक के मुताबिक निर्भय नारी शक्ति डिवाइस पिस्टल को मोबाइल कनेक्ट कर पुलिस व परिवारजनों को बिना मोबाइल टच किये कॉल लगा सकेंगी और लोकेशन भी भेज पाएंगी.
कॉलेज के इनोवेशन सेल में इस निर्भय नारी शक्ति पिस्टल को केवल 15 दिन में तैयार किया गया है. किसी भी मोबाइल फोन के चार्जर से यह इलेक्ट्रानिक पिस्तौल चार्ज किया जा सकता है और एक घंटा चार्ज कर 5 महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस पिस्तौल की बॉडी को थ्रीडी प्रिंटर से बनाया गया है और हार्ड फाइवर से पिस्तौल को तैयार किया गया है. इसे बनाने में ब्लूटूथ मॉड्यूल, 3.7 वोल्ट की बैटरी, स्विच, डीसी टू एसी ट्रांसफार्मर जैसी चीजों का इस्तेमाल किया गया है.
पिस्तौल का वेट करीब 125 ग्राम इसका वेट है और चार इंच इसकी लम्बाई हैं. यह पिस्टल इतनी छोटी है कि महिलाओं के पर्श या पॉकेट में आसानी से आज जाएगी. इसे तैयार करने में मात्र 3,500 रुपये का खर्च आया है.
छात्राओं ने कहा पिस्टल को तैयार करने के पीछे का मकसद मुसीबत में फंसी महिलाओं की रक्षा है, किसी को नुकसान पहुंचा नहीं. पिस्टल के ट्रिगर को दबाने से बैरल प्वाइंट पर करंट फ्लो होता है जो बॉडी के संपर्क में आते ही 1000 वोल्टेज से 10,000 वोल्टेज करंट का झटका देता है.