मथुरा के वृंदावन में बन रहे चंद्रोदय मंदिर का लक्ष्य दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर बनने का है.
इसकी ऊंचाई 210 मीटर होगी. यह कुतुब मीनार से तीन गुना ऊंचा और बुर्ज खलीफा से भी अधिक गहरी नींव पर आधारित है.
मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक नागरा शैली और आधुनिकता का मिश्रण है, जिससे यह धार्मिक महत्व के साथ-साथ वास्तुकला एक अद्भुत उदाहरण बनेगा.
इस मंदिर से एक दूरबीन के जरिए ताजमहल के दृश्य का आनंद लिया जा सकेगा, जो इसे पर्यटकों के लिए एक खास आकर्षण का केंद्र बनाएगा.
मंदिर के चारों ओर श्रीमद्भागवत में बताये गए 12 वनों का निर्माण किया जा रहा है. यह वन प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाएंगे.
यह मंदिर 8 रिक्टर स्केल तक के भूकंप और 170 किमी/घंटे की रफ्तार से चलने वाले तूफान को सहन करने में सक्षम है.
70 एकड़ में फैला यह मंदिर परिसर हरे-भरे वातावरण के साथ तैयार किया जा रहा है, जिसमें कार पार्किंग और हेलीपैड जैसी आधुनिक सुविधाएं भी शामिल होंगी.
यह मंदिर भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर बनेगा और इसे कृष्णभक्ति के प्रमुख केंद्र के रूप में देखा जा रहा है, जिससे यह वृंदावन की धार्मिक महत्ता को और बढ़ाएगा.
इस परियोजना पर 500 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आ रहा है, और इसे 2025 तक पूरा करने की योजना है, जिससे यह एक विश्वस्तरीय धार्मिक और पर्यटन स्थल बनेगा.
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