जो तुम्हें प्राप्त है, वही तुम्हारे लिए पर्याप्त है, यही सत्य है.
जीवन में आधे दु:ख इस वजह से आते हैं, क्योंकि हमने उनसे आशा रखी, जिनसे हमें नहीं रखनी चाहिए थी.
सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और.
अहंकार तब उत्पन्न होता है, जब हम भूल जाते हैं कि प्रसंशा हमारी नहीं हमारे गुणों की हो रही है.
अमीर बनने के लिए एक-एक क्षण संग्रह करना पड़ता है, किन्तु अमर बनने के लिए एक-एक कण बांटना पड़ता है.
क्रोध से भ्रम पैदा होता है. भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है. जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है.
बुराई तो तुम्हें हजारों की भीड़ में भी तुम्हे ढूंढ लेगी ठीक उसी प्रकार जैसे गायों की झुंड में बछिया अपने मां को ढूंढ लेती है.
सृष्टि में एक प्रेम ही है, जो लाख प्रयत्न करो खत्म करने का तो वो बढ़ता ही जाता है.
यदि कोई व्यक्ति आपको गुस्सा दिलाने में सफल रहता है, तो समझ लीजिये आप उसके हाथ की कठपुतली हैं.
जो अपने मन पर नियंत्रण नहीं रखता वह स्वयं का शनै शनै शत्रु बनता जाता है.