यूपी के इस जिले का काला 'काला नमक', रोज आधा-एक किलो तक भी खा जाते हैं लोग!

Shailjakant Mishra
Jul 08, 2024

काला नमक

आज हम सिद्धार्थनगर के बारे में बात करेंगे. जिसे 'काला नमक' चावल के लिए जाना जाता है.

विदेश में भी डिमांड

चावल की यह किस्म अपने गुणों के लिए प्रसिद्ध है. सिंगापुर और दुबई में भी 'काला नमक' चावल की डिमांड है.

खासियत

'काला नमक' चावल एक प्रकार का सुगंधित और मुलायम चावल है. इसके विशेष गुणों के कारण इसकी एक अलग पहचान है.

खुशबू

'काला नमक' चावल कि खुशबू के लिए कहा जाता है कि यह अगर किसी एक घर में बनाया जाता है, तो इसकी खुशबू पूरे गली-मोहल्ले तक बिखर जाती है.

औषधीय गुण

इसमें कई सारे औषधीय गुण भी मौजूद हैं. भरपूर पैदावार होने के कारण यह किसानों के लिए भी काफी फायदेमंद है.

बुद्ध का आशीर्वाद

इतिहास के पन्ने पलटने पर पता चलता है कि चावल की इस किस्म को महात्मा बुद्ध का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है.

नाम की वजह

काले रंग की भूसी होने के कारण यह काला नमक चावल के नाम से जाना जाता है.

बुद्ध का महाप्रसाद

करीब 600 ईसा पूर्व या 'बुद्ध काल' से इस चावल का इतिहास है. चावल की यह किस्म महात्मा 'बुद्ध का महाप्रसाद' कहलाती है.

जैविक खेती

'काला नमक' चावल की विशेषता ही यह है कि इसे जैविक खेती के जरिए ही उगाया जाता है.

2013 में मिला जीआई टैग

इस चावल को 2013 में जियोग्राफिकिल इंडिकेटर (जीआई ) टैग मिलने से सिद्धार्थनगर और आसपास के जिलों को इसकी मान्यता मिली.

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