आज हम सिद्धार्थनगर के बारे में बात करेंगे. जिसे 'काला नमक' चावल के लिए जाना जाता है.
चावल की यह किस्म अपने गुणों के लिए प्रसिद्ध है. सिंगापुर और दुबई में भी 'काला नमक' चावल की डिमांड है.
'काला नमक' चावल एक प्रकार का सुगंधित और मुलायम चावल है. इसके विशेष गुणों के कारण इसकी एक अलग पहचान है.
'काला नमक' चावल कि खुशबू के लिए कहा जाता है कि यह अगर किसी एक घर में बनाया जाता है, तो इसकी खुशबू पूरे गली-मोहल्ले तक बिखर जाती है.
इसमें कई सारे औषधीय गुण भी मौजूद हैं. भरपूर पैदावार होने के कारण यह किसानों के लिए भी काफी फायदेमंद है.
इतिहास के पन्ने पलटने पर पता चलता है कि चावल की इस किस्म को महात्मा बुद्ध का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है.
काले रंग की भूसी होने के कारण यह काला नमक चावल के नाम से जाना जाता है.
करीब 600 ईसा पूर्व या 'बुद्ध काल' से इस चावल का इतिहास है. चावल की यह किस्म महात्मा 'बुद्ध का महाप्रसाद' कहलाती है.
'काला नमक' चावल की विशेषता ही यह है कि इसे जैविक खेती के जरिए ही उगाया जाता है.
इस चावल को 2013 में जियोग्राफिकिल इंडिकेटर (जीआई ) टैग मिलने से सिद्धार्थनगर और आसपास के जिलों को इसकी मान्यता मिली.