कानपुर नोएडा के बीच 380 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे खुलने वाला है. इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी आठ घंटे की बजाय साढ़े पांच घंटे रह जाएगी.
कानपुर नोएडा एक्सप्रेसवे की लागत करीब 15 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है. इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की लंबाई 380 किलोमीटर है.
कानपुर गाजियाबाद नोएडा एक्सप्रेसवे परियोजना से गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर और उन्नाव जैसे शहरों को जोड़ेगा
इस कॉरिडोर के बनने के बाद गाजियाबाद से कानपुर की दूरी केवल 5.40 घंटे में तय होगी, जिसमें अभी आठ से नौ घंटे लगते हैं.
कानपुर नोएडा गाजियाबाद एक्सप्रेसवे ग्रीनफील्ड परियोजना से रास्ते में पड़ने वाले 9 जिलों को फायदा होगा. इस हाईस्पीड रोड के साथ इंडस्ट्रियल गलियारा होगा.
नेशनल हाईवे के अलावा ये एक्सप्रेसवे इन शहरों के बीच आवागमन काफी तेज होगा. कंपनियों और उसके कारोबारियों को भी फायदा होगा.
नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़ और कानपुर से जुड़ने हाईवे से नई आवासीय योजनाएं परियोजनाएं शुरू होंगी. यहां स्कूल-अस्पताल, मॉल औऱ अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित होंगी.
कानपुर गाजियाबाद नोएडा एक्सप्रेसवे अभी चार लेन का है, जिसका विस्तार छह लेन का कर दिया जाएगा. इन शहरों की बढ़ती आबादी को सुगम यातायात मिलेगा.
कानपुर गाजियाबाद नोएडा एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा एनएच 9 यानी गाजियाबाद-हापुड़ हाईवे से जोड़ा जाएगा. दूसरा हिस्सा 62 किलोमीटर से ज्यादा लंबा है और कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा.
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से शहरों से काफी दूर और खेतों के बीच से निकाले जाते हैं.इन्हें हरे मैदानों या खेतों के बीच से निकाला जाता है. यहां भूमि अधिग्रहण आसान होता है, जमीन समतल होती है.
गंगा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून वाया सहारनपुर एक्सप्रेसवे भी जल्द तैयार हो रहे हैं. कानपुर से शुरू होने वाला ये एक्सप्रेसवे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा.