किस मुगल बादशाह के शासन में कैसे और क्यों बनी मुगलों की नौसेना? आगरा से दिल्ली तक थी चलती थी फौज

Pooja Singh
Sep 08, 2024

मुगल काल

भारत पर करीब 200 सालों तक मुगलों का राज रहा. इस दौरान उन्होंने देश के अलग-अलग शहरों में कई इमारतें बनवाई, जो आज भी काफी मशहूर हैं.

मुगलों की राजधानी

मुगलों ने मुख्य रूप से आगरा और दिल्ली को अपनी राजधानी बनाई, लेकिन मुगल बादशाह और दरबारी देश के अलग-अलग हिस्सों में आते-जाते रहते थे.

सेना का विस्तार

ऐसे में मुगलों ने अपनी सेना को भी बढ़ाया. वो सेना के बलबूते पर धीरे-धीरे अपना साम्राज्य बढ़ाते रहे. उनकी सेना में लाखों सिपाही के साथ ही नौसेना भी थी.

मुगलों की नौसेना

मुगल बादशाह खुद भी दिल्ली से आगरा और इलाहाबाद तक यमुना में नाव के जरिए सफर करते थे. आज हम मुगलों की नौसेना के बारे में बता रहे हैं.

नौसेना का विकास

मुगल साम्राज्य में नौसेना का विकास सीमित था, लेकिन इसका इस्तेमाल नदियों और समुद्र में होता था. ये नदियों में चलने वाली नौकाओं और छोटे युद्धपोतों तक सीमित थी.

सैन्य अभियान

अकबर के शासनकाल में नौसेना का एक विभाग था, जो नदियों की निगरानी और यात्रियों की यात्रा की व्यवस्था करता था. मुगल नौसेना ने कई सैन्य अभियानों में भाग लिया.

गवर्नर इस्लाम खां

जहांगीर के समय बंगाल के गवर्नर इस्लाम खां ने अराकान के राजा को हराया था. गुजरात अभियान के बाद अकबर को नौसेना की जरूरत महसूस हुई थी.

सफर का किराया

नदियों की निगरानी और जल मार्ग से यात्रा करने वाले ऐसे यात्री जो किराया देने में सक्षम नहीं होते थे, उनकी यात्रा की व्यवस्था ये विभाग करता था.

नाव संचालन

नाव से नदी पार करने पर हाथी के लिए आठ आना और 20 यात्रियों के लिए एक आना कर तय था. विशेष परिस्थितियों को छोड़कर रात में सुरक्षा की दृष्टि से नाव संचालन की अनुमति नहीं थी.

व्यापार और यातायात

दिल्ली से प्रयागराज तक यमुना नदी में विशालकाय तीन मंजिला नाव चलती थीं. आगरा से नावों के जरिए हाथी-घोड़ों के साथ यात्रियों और व्यापारियों के सामान को ढोया जाता था.

नवाडा की जानकारी

अकबर के दरबारी इतिहासकार अबुल फजल ने 'आइन-ए-अकबरी' में मुगलों द्वारा नौसेना विभाग नवाडा बनाए जाने की पूरी जानकारी दी है.

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