करवा चौथ पर पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं. सनातन धर्म में इसका खास महत्व है. कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ सेलिब्रेट किया जाता है.
पूजा पाठ के बाद जब चांद निकल जाता है तो उसे देखकर अर्घ्य दिया जाता है और फिर व्रत का पारण होता है. इस दिन करवा माता, चंद्रमा और गणेश जी की पूजा की जाती है.
करवा चौथ का व्रत इस साल 20 अक्टूबर को रखा जाएगा. पंचांग के मुताबिक, इस दिन प्रात: 6 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगा. अगले दिन यानी 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगा.
पंचांग के मुताबिक, इस साल करवा चौथ वाले दिन भद्रा का साया रहेगा, लेकिन 20-21 मिनट के लिए ही है.
करवा चौथ पर सरगी महत्वपूर्ण रस्म है, जो करवा चौथ शुरू करने से पहले की जाती है. सास अपनी बहू को सरगी देती है. व्रत रखने से पहले कुछ चीजें खाई जाती हैं.
सरगी की थाली में खाने-पीने की चीजों के साथ ही सोलह श्रृंगार, पूजा की सामग्री होती है. सरगी के समय फल, मिठाई, खीर, सूखे मेवे, दूध, हल्की फ्राई की हुई चीजें, नारियल पानी, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चीजें खाते हैं.
करवा चौथ के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त के समय यानी 4 से 5 बजे तक सरगी खानी चाहिए. इसके लिए 3 बजे उठकर ही महिलाएं स्नानादि कर लेती हैं.
आप करवा चौथ का व्रत रखती हैं तो सरगी भी आपको अपनी सास से मिलता होगा. लेकिन, अगर सासू मां की मृत्यु हो गई हो तो ऐसी स्थिति में सरगी किससे ले सकते हैं?
धार्मिक मान्यताओं की मानें तो अगर किसी शादीशुदा महिला की सास नहीं तो वे सरगी घर की किसी भी बुजुर्ग महिला, बहन या फिर जेठानी से सरगी ले सकती हैं.
सास हैं, लेकिन किसी दूसरे शहर रहती हैं तो वे अपनी बहू के लिए रुपये भेजती हैं, ताकि बहू अपने लिए सरगी का सामान खुद से खरीद लें.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का ZeeUPUK हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.