महाभारत में अंबा एक ऐसा चरित्र है भीष्म से बदला लेने के लिए कई जन्म लिए और कठोर तप किया. आइए जानते हैं इस किरदार के बारे में.
काशी के नरेश की तीन पुत्रियां- अंबा, अंबिका और अंबालिका तीनों पुत्रियों के लिए स्वयंवर का आयोजन किया.
राजा के इस स्वयंवर के आयोजन में भीष्म पितामह बिना बुलाए ही पहुंच गए और तीनों राजकुमारियों का हरण कर उनको हस्तिनापुर ले गए थे.
तीनों ही राजकुमारियों का विवाह अपने सौतेले भाई विचित्रवीर्य से करवाना चाहा. तीन बहनों में अंबा ने अपने प्रेमी राजा शाल्व के पास जाने के कहा.
अंबा को उनके प्रेमी ने भी नहीं अपनाया तो भीष्म से वह विवाह की जिद करने लगीं. भीष्म ने विवाह न करने का प्रण लिया था.
निराश होकर अंबा ने शिव की कठोर आराधना की ताकि भीष्म से वह बदला ले सकें. अंबा ने परशुराम से सहायता मांगी
परशुराम से आहत होकर अंबा ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप कर शरीर त्याग दिया.
अगले जन्म में वत्सदेश के राजा की कन्या के रूप में जन्म लिया.इस जन्म में उसे पूर्वजन्म की घटना याद थी.
वह भीष्म से बदला लेने कि लिए फिर तप करने लगी. तप से खुश होकर शिवजी ने उसे वरदान मांगने को कहा.
अंबा ने भीष्म की मृत्यु का वर मांगा. महादेव ने कहा कि अगला जन्म स्त्री के रूप में होगा. लेकिन युवा होने पर वह पुरुष बन जाएगी और भीष्म की मृत्यु का कारण बनेगी.
अंबा का जन्म राजा द्रुपद के यहां पर हुआ. राजा ने बड़ा होने पर शिखंडी का लालन-पालन भी किया. विवाह किया पर उनकी पत्नी को शिखंडी होने की भनक लग गई. शिखंडी का अपमान किया.
अपमानित शिखंडी वन में गया तो एक यक्ष ने उसको अपना पुरुषत्व दे दिया. उसका स्त्रीत्व धरण कर लिया.
भीष्म जानते थे कि शिखंडी भले ही पुरुष है पर उसका जन्म स्त्री के रूप में हुआ था. इसलिए वो उससे युद्ध नहीं करना चाहते थे.
इसी कारण युद्ध के 11वे दिन अर्जुन ने शिखंडी को ढ़ाल बनाकर भीष्म पितामह के सामने खड़ा कर दिया.
पितामह भीष्म ने अस्त्र नहीं उठाए और अर्जुन ने उनके तीरों से छलनी कर दिया. और इस तरह अंबा ने भीष्म से अपना बदला लिया.
स्पष्ट कर दें कि यह AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है. यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.