ब्रेस्टफीडिंग के समय स्मार्टफोन को यूज करने से मां के द्वारा शिशु को पकड़ने का पोस्चर बिगड़ सकता है.
ब्रेस्टफीडिंग के समय स्मार्टफोन को यूज करने से शिशु के साथ कनेक्ट हो पाने में मां को दिक्कत हो सकती है जिससे मां कमर दर्द भी हो सकता है.
ब्रेस्टफीडिंग के समय स्मार्टफोन चलाने से मां का ध्यान शिशु से और शिशु का ध्यान दूध पीने से भटक सकता है जिससे शिशु ठीक से दूध न पी पाए ऐसा हो सकता है.
अगर शिशु ठीक से दूध नहीं पी पाया तो वह असंतुष्ट रह जाएगा, इससे उसकी नींद पूरी नहीं हो पाए ही जिससे वो चिढ़चिढ़ा भी हो सकता है.
स्तनपान के समय अगर मां का ध्यान भटकेगा तो शिशु की गर्दन नीचे भी लटक सकती है जिससे कई और परेशानियां हो सकती हैं.
अगर बच्चे पर ध्यान नहीं दिया गया और बच्चा मां के स्तन तक पहुंच पाया तो डर है कि उसका मुंह-नाक स्तन से दब जाए, फीडिंग के समय फोन न चलाएं.
स्तनपान के समय मां के द्वारा स्मार्टफोन यूज करना मां और शिशु के बीच होने वाली बातचीत को बाधित कर सकता है.
मां और शिशु के बीच होने वाली बातचीत रुक गई तो मां बेटे के मेलजोल पर असर पड़ सकता है.
स्मार्टफोन से जो माइक्रोवेव रेडिएशन (Microwave radiation) निकलते हैं वो शिशु की सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
मां को दूध पिलाते समय या फिर अन्य समय पर भी स्मार्टफोन से दूरी बनाकर रखते हुए बच्चे पर ध्यान देना चाहिए.