क्या आप जानते हैं सात फेरे के सातों वचनों का मतलब और महत्त्व, यहां समझें

Sandeep Bhardwaj
Sep 15, 2023

Saat Phere And Saat Vachan

हिन्दू विवाह में सात वचन पति पत्नी के रिश्तों का आधार है. पति पत्नी जीवन भर इन वचनों का पालन करते हैं तो रिश्ता मजबूत बना रहता है.

Saat Phere And Saat Vachan

हिन्दू विवाह तब पूरा माना जाता है जब पति पत्नी अग्नि के सात फेरे लेकर सात वचनों को निभाने के लिए तैयार हो जाते हैं. ये वचन वधू वर से मांगती है.

Saat Phere And Saat Vachan

वर अग्नि को साक्षी मानते हुए जीवन भर इन वचनों को निभाने का वादा करता है, तभी कन्या उसकी वामांगी यानी पत्नी बनती है.

पहला वचन

कन्या पहला वचन मांगती है कि आप कोई भी तीर्थ यात्रा, धार्मिक कार्य और व्रत उपवास मेरे बिना नहीं करेंगे. अगर आप वचन देते हैं तो मैं आपके बांई ओर आना स्वीकार करती हूं.

दूसरा वचन

कन्या कहती है कि जैसे आप अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं, वैसे ही मेरे माता-पिता का भी सम्मान करेंगे. आप धार्मिक अनुष्ठान करते हुए भगवान के भक्त बने रहेंगे.

तीसरे वचन

तीसरा वचन में कन्या कहती है कि आप जीवन की तीनों अवस्थाओं युवावस्था, प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था में मेरा पालन करते रहेंगे.

चौथा वचन

चौथा वचन में वधू कहती है कि अब परिवार की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करना आपका कर्तव्य है. आप इस कर्तव्य को निभाने की प्रतिज्ञा करते हैं तो मैं आपकी वामांगी होना स्वीकार करती हूं.

पांचवां वचन

कन्या कहती है कि आप मेरी राय लिए बिना अपने घर के कार्यों में, विवाह, लेन-देन या अन्य किसी भी और काम में पैसे खर्च नहीं करेंगे.

छठा वचन

छठे वचन में कन्या कहती है कि आप अपने मित्रों के सामने, या मेरी सहेलियों के सामने कभी मेरा अपमान नहीं करेंगे. आप जुए जैसी बुराइयों से दूर रहेंगे. आप यह वचन निभाने को तैयार हैं तो मैं वामांगी होना स्वीकार करती हूं.

सातवां वचन

कन्या वर से सातवां वचन मांगती है कि आप पराई स्त्रियों को मां और बहन के समान समझेंगें और पति-पत्नि के आपसी प्रेम के बीच कभी किसी तीसरे को नहीं आने देंगे.

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