कुंभ दुनिया का सबसे बड़ा मेला है.
यूनेस्को ने भारत के कुंभ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के तौर पर मान्यता दी है.
कुंभ मेला धरती पर सबसे बड़ा शांतिपूर्ण धार्मिक सम्मेलन है.
सारे कुंभ मे प्रयागराज के कुंभ का बहुत महत्व है.
प्रयागराज को तीर्थों का राजा कहा जाता है.
प्रयागराज की इस पावन नगरी में स्वयं भगवान श्री विष्णु माधव के रुप में विराजमान है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब बृहस्पति कुंभ में प्रवेश करता है तथा सूर्य मेष राशि के साथ जुड़ता है, तो कुंभ मेला का योग बनता है.
मेले के तिथि की गणना करने के लिए सू्र्य ,चन्द्र और बृहस्पति की स्थिति की गणना को देखना पड़ता है.
प्रयाग कुंभ संगम के ईशान कोण पर आयोजित होती है. इसलिए भी इस धर्मनगरी का विशेष महत्व है.
साल 2025 में प्रयागराज में आयोजित होगा विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक सम्मेलन. कुंभ की तैयारी की झलक अभी से प्रयागराज में दिखनी शुरू हो गई है.