प्रयागराज महाकुंभ दूसरे तीर्थोंं से क्यों खास, संगम स्नान पर बनेगा महासंयोग

Oct 10, 2023

सबसे बड़ा मेला

कुंभ दुनिया का सबसे बड़ा मेला है.

अमूर्त सांस्कृतिक

यूनेस्को ने भारत के कुंभ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के तौर पर मान्यता दी है.

शांतिपूर्ण धार्मिक सम्मेलन

कुंभ मेला धरती पर सबसे बड़ा शांतिपूर्ण धार्मिक सम्मेलन है.

महत्व

सारे कुंभ मे प्रयागराज के कुंभ का बहुत महत्व है.

तीर्थों का राजा

प्रयागराज को तीर्थों का राजा कहा जाता है.

माधव के रुप में विराजमान

प्रयागराज की इस पावन नगरी में स्वयं भगवान श्री विष्णु माधव के रुप में विराजमान है.

मेला का योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब बृहस्पति कुंभ में प्रवेश करता है तथा सूर्य मेष राशि के साथ जुड़ता है, तो कुंभ मेला का योग बनता है.

गणना को देखना पड़ता है

मेले के तिथि की गणना करने के लिए सू्र्य ,चन्द्र और बृहस्पति की स्थिति की गणना को देखना पड़ता है.

ईशान कोण

प्रयाग कुंभ संगम के ईशान कोण पर आयोजित होती है. इसलिए भी इस धर्मनगरी का विशेष महत्व है.

2025 में प्रयागराज

साल 2025 में प्रयागराज में आयोजित होगा विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक सम्मेलन. कुंभ की तैयारी की झलक अभी से प्रयागराज में दिखनी शुरू हो गई है.

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