समुद्र मंथन से जुड़ी है कुंभ मेले की कहानी, जानें इसके बारे में

Subodh Anand Gargya
Nov 03, 2024

कुंभ मेला

सनातन धर्म में कुंभ मेले को एक विशेष स्थान प्राप्त है. पौराणिक ग्रंथों में भी कुंभ मेले का कई स्थानों पर उल्लेख है.

कुंभ मेले की शुुरुआत

कई हिंदू मानते हैं कि कुंभ मेले की शुरुआत अनादि काल से हुई है.

समुद्र मंथन की कथा

वैदिक ग्रंथों में पाए जाने वाले समुद्र मंथन के बारे में हिंदू पौराणिक कथाओं में इसका प्रमाण मिलता है.

मंथन से निकाला अमृत

देव और दानवों द्वारा सागर का मंथन करने के बाद "अमृत " निकला था.

अमृत के लिए झगड़ा

देवता और राक्षस अमरता प्राप्त करने के लिए अमृत के इस बर्तन, "कुंभ" के लिए लड़े थे.

विष्णु ने लिया अवतार

कहते हैं कि विष्णु भगवान ने मोहिनी अवतार लिया था और अमृत अपने पास ले लिया था.

धरती पर गिरी बूंदें

अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदे धरती पर गिरी थीं.

इन जगहों पर गिरी बूंदें

कलश से अमृत की बूंदे हरिद्वार, नासिक, उज्जैन और प्रयाग में गिरीं.

कुंभ मेले का आयोजन

बाद में इन्हीं स्थानों पर कुंभ मेला का आयोजन किया जाने लगा.

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