रामायण में कैकेयी के बारे में हम सबने सुना है. महाभारत में भी एक कैकेयी थी, जिसे भगवान श्रीकृष्ण बहुत प्यार करते थे. इतना ही नहीं दोनों शादी भी की. तो आइये जानते हैं भगवान श्रीकृष्ण और कैकेयी की प्रेम कहानी.
दरअसल, भगवान श्रीकृष्ण की आठ पत्नियां थी. इनके नाम रुक्मणि, जांबवंती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रबिंदा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था.
भगवान श्रीकृष्ण की 7वीं पत्नी रोहिणी थीं. पौराणिक कथाओं में इनका कई बार नाम भद्रा और कैकेयी भी पाया गया है.
रोहिणी ऋतुसुकृत की पुत्री थीं. रोहिणी ने स्वयं ही स्वयंवर के दौरान श्रीकृष्ण को अपना पति चुन लिया था.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण की छठीं शादी सत्या के साथ हुई थी.
सत्या के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने कैकेय की राजकुमारी भद्रा से शादी की थी.
भगवान श्रीकृष्ण और भद्रा (कैकेयी) के संग्रामजित, वहत्सेन, शूर, प्रहरण, अरिजित, जय, सुभद्र, वाम, आयु और सत्यक नाम के बच्चे थे.
भागवत पुराण में भद्रा को कैकेय साम्राज्य की राजकुमारी कैकेयी कहा गया है.
कैकेयी के बारे में कहा जाता है कि वह भगवान श्रीकृष्ण की चचेरी बहन थीं.
एक अन्य पाठ में कहा गया है कि सबसे बड़े राजकुमार संतर्दना के नेतृत्व में भद्रा के पांच भाइयों ने उनका विवाह कृष्ण से कराया था.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, कृष्ण और उनकी रानियां एक बार कुंती, उनके पुत्रों पांडवों और पांडवों की पत्नी द्रौपदी से मिलने के लिए हस्तिनापुर गए थे.
कुंती के निर्देशानुसार, द्रौपदी भद्रा और अन्य रानियों की पूजा करती हैं. उन्हें उपहार देकर सम्मानित भी करती हैं. भद्रा द्रौपदी को यह भी बताती हैं कि उसने कृष्ण से कैसे विवाह किया.
भागवत पुराण के अनुसार, भद्रा के दस पुत्र थे, जिनके नाम संग्रामजीत, बृहत्सेन, शूर, प्रहारण, अरिजीत, जया, सुभद्रा, वामा, अयूर और सत्यक थे.
भागवत पुराण में भद्रा और अन्य सात प्रमुख रानियों सती होने का जिक्र किया गया है.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.