उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की दूरी आने वाले समय में कम हो जाएगी. एमपी और यूपी की राजधानियों को जोड़ने के लिए जल्द ही हाईवे मिलने वाला है.
इस हाइवे के मिलने से दोनों प्रदेशों की दूरी सिमट जाएगी और सफर करना आसान हो जाएगा. इसके अलावा औद्योगिक विकास के नए रास्ते खुलेंगे. इसके लिए 3 अलग-अलग प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं.
एमपी की राजधानी और यूपी की राजधानी को 3 अलग-अलग फोर-सिक्स लेन हाईवे के जरिए जोड़ने का काम चल रहा है. दोनों राज्यों की राजधानी को जोड़ने के लिए कानपुर-कबरई हाईवे, कबरई-सागर हाईवे और सागर-भोपाल हाईवे तीन हिस्सों में बनाया जा रहा है.
फिलहाल इन दोनों राजधानी के बीच की दूरी करीब 600 किमी है. फिलहाल, भोपाल से लखनऊ पहुंचने में 15 घंटे तक समय लगता है. इस योजना के पूरी होते ही ज्यादा से ज्यादा 8 घंटे में सफर तय हो सकेगा.
खास बात ये है कि दोनों राजधानियों को जोड़ने में बुंदेलखंड सेतु का काम करेगा. इस प्रोजेक्ट के पूरे होने पर दोनों राजधानियों के बीच सफर सुगम और सरल हो जाएगा.
कानपुर-कबरई मार्ग यूपी की राजधानी लखनऊ को मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड से जोड़ने का काम करेगा. इसकी लंबाई करीब 112 किमी होगी और यमुना एक्सप्रेस वे की तर्ज पर इसको बनाया जाएगा.
ये हाईवे कानपुर शहर, कानपुर देहात, हमीरपुर और महोबा से जुड़ जाएगा. लखनऊ कानपुर हमीरपुर महोबा होते हुए एमपी के बुंदेलखंड के छतरपुर तक जाएगा.
यूपी और एमपी को जोड़ने कबरई-सागर फोर टू सिक्स लेन का काम पिछले करीब 5 साल से चल रहा है. 223 किमी के फोर टू सिक्स लेन हाईवे की 2026 में तैयार हो जाने की संभावना है. फिलहाल ये हाईवे सिर्फ टू लेन है.
ये फोरलेन सागर से निकलकर बंडा, दलपततुर, शाहगढ़, बडा मलहरा, गुलगंज, छतरपुर, गढ़ी मलहरा, श्रीनगर और महोबा तक बनाया जा रहा है.
दूसरी तरफ सागर-भोपाल हाईवे भी नए सिरे से तैयार किया जा रहा है. इसके निर्माण से सागर भोपाल के बीच की दूरी भी कम होने जा रही है. सागर भोपाल के बीच की दूरी महज 150 किमी रह जाएगी.
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की राजधानी को जोड़ने के लिए जो अलग-अलग तीन सड़कों के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इनकी लागत 11 हजार 300 करोड़ के लगभग है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.