मदार के पत्तों को उल्टा कर के पैरों के तलवों में लगाएं और फिर मौजा पहन लें. इसे रात भर रखने के बाद अगले दिन पैर को धोलें. इसे 1 सप्ताह तक लगातर करें.
मदार के पौधे की जड़ को कुष्ठ, एक्जिमा, अल्सर, दस्त और खासीं में भी उपयोग किया जाता है.
मदार के पत्तों को किसी भी प्रकार के घाव को भरने के लिए भी उपयोग किया जाता है.
डायबिटीज के रोगी भोजन में भिंडी, मेथी, जामुन, दालचीनी, लाल मिर्च, तुलसी, शिलाजीत और तेज पत्ते को अपनी लाइफस्टाइल में शामिल कर सकते हैं.
एक रिसर्च में यह बात सामने आई कि आक के पौधे का अर्क इंसुलिन प्रेरित प्रतिरोध को रोकने में मदद करता है.
आक के पत्तों से डायबिटीज के रोग का भी इलाज किया जाता था.
कब्ज, दस्त, जोड़ों के दर्द, दांतों की समस्या के लिए किया जाता है.
आक के पत्तों में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी के गुण कई रोगों से बचाने में मदद करता है.