महाभारत का जिक्र भगवान श्री कृष्ण के बिना अधूरा है. उन्होंने धर्म का मार्ग प्रशस्त करने के लिए रिश्तेदारों का भी वध किया.
श्री कृष्ण के हाथों मौत पाकर मोक्ष पाने वाले उनके करीबी रिश्तेदार में शिशुपाल का नाम भी आता है. जिसे बहुत बड़ा योद्धा कहा जाता था.
महाभारत में कहा गया है कि शिशुपाल का जन्म तीन आंखों और चार भुजाओं के साथ हुआ था.
इसका संबंध भगवान कृष्ण की तरफ से शिशुपाल को 100 अपराध क्षमा करने का वादा था. आइए जानते हैं वह घटना
शिशुपाल भगवान श्रीकृष्ण के उन दो द्वारपालों जय और विजय में एक था जिन्हें ऋृषियों के शाप के चलते धरती पर आकर राक्षस बनना पड़ा.
दोनों इस कारण पहले जन्म में हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष, दूसरे जन्म में रावण और कुंभकरण और तीसरे जन्म में कंस और शिशुपाल बने थे.
जय विजय इसका कारण भगवान कृष्ण को ही मानते थे. इस कारण शिशुपाल कृष्ण का अपमान करता था.
शिशुपाल श्रीकृष्ण की बुआ का बेटा था. जब उसने जन्म लिया तब उसकी तीन आंखें और चार भुजाएं थे. वह गधे की तरह आवाज निकाल रहा था.
शिशुपाल के पैदा होने पर आकाशवाणी हुई थी जिसकी गोद में जाने पर उसकी एक आंख और दो भुजाएं गिर जाएंगी, वही उसका वध करेगा.
अपने भाई से मिलने के लिए, कृष्ण ने बच्चे को अपनी गोद में रख लिया और अतिरिक्त आंख और भुजाएं गायब हो गईं. इस प्रकार शिशुपाल की मृत्यु कृष्ण के हाथों होने का इशारा था.
महाभारत में, शिशुपाल की मां श्रुतसुभा ने अपने भतीजे कृष्ण को मनाया कि वह अपने चचेरे भाई शिशुपाल को सौ अपराधों के लिए क्षमा कर दें.
शिशुपाल रुक्मणि से विवाह करना चाहता था. वह रुक्मणि के भाई रुक्म का वह परम मित्र था. रुक्मणि कृष्ण को चाहती थी. फिर कृष्ण रुक्मणि का हरण कर ले आए थे. इसलिए शिशुपाल उनसे नाराज रहता था.
शिशुपाल के हर बार अपमान करने पर श्रीकृष्ण श्रमा कर देते थे. सौ अपराध पूरे होने पर कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से उसका वध कर दिया.
स्पष्ट कर दें कि यह AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है.