कौरवों और पांडवों के बीच 18 दिन तक महाभारत का युद्ध चला था, जिसके कई पराक्रमी योद्धाओं की आज भी चर्चा होती है.
लेकिन महाभारत के कई ऐसे योद्धा भी हैं, जिनके बारे में ज्यादा बात नहीं होती. आज दो ऐसे ही पात्रों के बारे में जानेंगे.
महाभारत के युद्ध में पांडवों की तरफ से द्रौपदी के दो भाई भी शामिल हुए थे.
दोनों पूरे युद्ध में जब तक जिंदा रहे तब तक अर्जुन की ढाल बने रहे लेकिन दोनों धोखे से मारे गए.
महाभारत के युद्ध में भाग लेने वाले पांचाल देश के राजकुमार युधामन्यु और उत्तमौजा दोनों भाई थे.
इन्होंने पाण्डवों के पक्ष में युद्ध किया था. ये दोनों अत्यन्त पराक्रमी, बलशाली थे.
युद्ध के दौरान, उत्तमौजा ने द्रोण, अश्वत्थामा, कृतवर्मा, दुर्योधन, कर्ण और कृपा जैसे कई महान योद्धाओं से लड़ाई की.
अठारहवें दिन युद्ध समाप्त होने के बाद आधी रात को जब वे पांडव शिविर में सो रहे थे, तब अश्वत्थामा ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.