महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र के मैदान में लड़ा गया था. कौरव और पांडवों के बीच हुए युद्ध में कई पराक्रमी योद्धाओं की कहानियां आज भी प्रचलित हैं.
महाभारत के युद्ध में अभिमन्यु, कर्ण से लेकर भीष्म समेत कई पराक्रमी योद्धा मारे गए थे. इसके बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं.
लेकिन कहा जाता है कि ये सभी एक रात के लिए पुनर्जीवित हो गए थे.
ये घटना महाभारत युद्ध होने के 15 साल बाद घटित हुई थी.
महर्षि वेदव्यास ने धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती से तपस्या का प्रभाव दिखाने की बात कही और कुछ भी मांगने के लिए कहा.
धृतराष्ट्र, गांधारी और कुंती ने अपने मृत बेटों को देखने की इच्छा जाहिर की.
महर्षि वेदव्यास ने कहा कि आज की रात तुम महाभारत में मारे गए सभी योद्धाओं को जीवित देख पाओगे.
महर्षि वेदव्यास गंगा नदी के तट पर गए, उनके आवाहन पर सभी मृत योद्धा जल से बाहर आ गए.
महर्षि वेदव्यास के दिव्य नेत्र के जरिए धृतराष्ट्र और गांधारी ने अपने मृत परिजनों को देखा.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.