महाभारत में द्रौपदी व पांच पांडवों को लेकर कई सवाल मन में आते हैं. जैसे तब समाज ने बहुपति वाली स्त्री को स्वीकार कैसे कर लिया
द्रौपदी का स्वयंवर को अर्जुन ने जीता था लेकिन स्थितियां ऐसी बनी की द्रौपदी को विवाह पाचों भाइयों से करनी पड़ी.
अर्जुन से प्रेम करने वाली द्रौपदी ने पांच पतियों को स्वीकार किया और पत्नी धर्म निभाती रही लेकिन इसमें मुश्किलें भी आती रहीं.
द्रौपदी से एक बार श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने प्रश्न किया कि अपने पांच पतियों को तुम कैसे वश में रखती हो.
इस पर द्रौपदी ने उत्तर दिया कि कि मैं अपने धर्म का आचरण करती हूं.
कोई भी पुरुष कितना ही सुंदर क्यों न हो. मेरे मन में केवल पांडवों के लिए ही भावनाएं हैं.
घर को मैं साफ रखती हूं. खाना पकाती हूं. ईर्ष्या और कटु भाषा से मैं हमेशा दूर रहती हूं.
द्रौपदी ने आगे कहा कि जो धर्म मेरी सास ने बताए हैं उनका मैं हमेशा पालन करती हूं.
डिस्क्लेमर: पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.