मुगलकाल की वो 'मंथरा', जिसने सबसे ताकतवर मुगल बादशाह के गुरु को कराया वनवास

Preeti Chauhan
Jul 22, 2024

अकबर

शहजादे अकबर की उम्र बहुत कम थी जब मुगल बादशाह हुमायूं की मौत हुई.

अकबर को दो खास

बचपन से लेकर जवानी तक अकबर को दो लोगों से सबसे ज्यादा जुड़ाव रहा. पहला था बैरम खां और दूसरी दाई मां माहम अंगा

बैरम खां ने ताजपोशी की

हुमायूं की मौत के बाद बैरम खां ने मुगलिया सल्तनत को बचाया और ताजपोशी की.

अकबर को पाला

माहम अंगा ने अकबर को पाला. ये अकबर की दाई मां थीं. माहम अकबर के दौर में मुगल सल्तनत की राजनीतिक सलाहकार भी रहीं.

बैरम खान

बैरम खान और माहम अंगा के बीच कभी नहीं बनी. बैरम खान की मौत के बाद उसके हिस्से की पावर भी माहम को मिल गई.

पावरफुल महिला

माहम का प्रभाव ऐसा था कि उस समय के सेनापति बैरम खान भी अंगा की अकबर से निकटता से घबराता था. इस तरह माहम मुगलिया दौर की सबसे पावरफुल महिला बन गईं.

शक्तिशाली और योग्य

माहम अंगा बहुत ही शक्तिशाली और योग्य थी. माहम का शाही घराने के साथ ही हरम पर भी दबदबा था.

अकबर को भरोसा

अकबर भी अपनी मां से ज्यादा अपनी दाई मां पर भरोसा और प्यार था.

राजनीतिक सलाहकार

माहम शुरू में अकबर के दरबारी मामलों को संभालती रही. वह मुगल सम्राट की राजनीतिक सलाहकार भी थी.

माहम अंगा अकबर की बेहद करीबी

14 साल की उम्र में जब अकबर दिल्ली की गद्दी पर बैठे तब माहम अंगा उनकी बेहद करीबी थीं.

मुगल सल्तनत से कैसे जुड़ीं माहम अंगा?

अकबर जब तीन साल के थे जब उनके चाचा कामरान मिर्जा ने उन्हें बंधक बना लिया.

अकबर की जान बचाई

माहम अंगा ने मौके पर पहुंचकर अकबर की जान बचाई. यही नहीं, माहम ने एक बार हुमायूं की जान बचाई थी.

अपने बेटे को दिलाया बड़ा पद

मुगल सल्तनत को बचाने वाले बैरम खान की मौत के बाद उन्होंने अपने बेटे अधम खान को मुगल सेनापति बनवाया.

अकबर ने उनकी याद में बनाया मकबरा

अकबर ने माहम अंगा और उनके बेटे अधम खान को दफनाने के लिए एक मकबरे के निर्माण का आदेश दिया. इसे अधम खान के मकबरे के रूप में जाना जाता है.

डिस्क्लेमर

मुगलकालीन पात्रों की यह कहानी मान्यताओं और इतिहासकारों की पुस्तकों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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