प्रेमानंद जी महाराज के ये विचार मन की सारी उलझन चुटकियों में सुलझा देंगे

Sandeep Bhardwaj
Jan 14, 2024

महाराज प्रेमानंद गोविंद शरण जी के सुवचन सुनने देश विदेश से लाखों लोग आते हैं. स्वामी जी के वचनों ने बहुत से लोगों के जीवन को एक नई दिशा दी है. आप भी पढ़ें महाराज जी के 10 सुवचन.

महाराज प्रेमानंद वृन्दावन में रहते हैं . यहाँ भक्त उनके दर्शन कर सकते हैं.

श्री राधा रानी के चरणों के प्रति उनके हृदय में अपार भक्ति है. उनके प्रवचनों को सुनने देश विदेश से लोग आते हैं.

सुवचन नं- 1

महाराज जी कहते हैं - कौन क्या कर रहा है इस पर ध्यान मत दो, हमे सुधरना है केवल इस पर ध्यान दो

सुवचन नं- 2

जब भी अहंकार या घमंड आने लगे तो महापुरुषों को सुनें आपको अनुभव होगा कि मनुष्य में घमंड करने लायक कुछ भी नहीं है.

सुवचन नं- 3

भगवान से बड़ा है भगवान का नाम. नाम जपने वाला कभी परास्त नहीं हो सकता. नाम की शक्ति भगवान को हर समय हमारे नजदीक रखती है.

सुवचन नं- 4

पराई नारी को गलत दृष्टि से देखना सबसे बड़ा पाप है.

सुवचन नं- 5

नकारत्मक सोच व्यक्ति का नाश करती है, नकारत्मक व्यक्ति न स्वयं पर विश्वास करता है ना ही भगवान पर कर पाता है.

सुवचन नं- 6

स्त्री पुरुष की मित्रता गलत नहीं है लेकिन मित्रता की आड़ में भोग वासना करना विध्वंस करता है. यह पाप है. ऐसे लोग भगवान के भक्त नहीं बन सकते.

सुवचन नं- 7

अगर मन को शांत करना है मन को स्थिर करना है तो एक उपाय है प्रभु के चरणों का दृढ़ता पूर्वक आश्रय और नाम जप करना

सुवचन नं- 8

हमेशा याद रखें दुखिया को ना सताइये दुखिया देगा रोय. जिस दिन दुखिया के मुखिया सुने तेरी कौन गति होये..

सुवचन नं- 9

प्रेम और मोह अलग- अलग भाव है. प्रेम कभी नहीं टूटता. व्यक्ति को शरीर से मोह हो जाता है जो एक ना एक दिन नष्ट हो जाता है.

सुवचन नं- 10

शरीर से संसार के काम करते रहो और मन से प्रभु का चिंतन करते रहो. परिवार के साथ रहकर भी शरीर को हर समय भक्ति में लगाए रखोगे तो कलह होगा.

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