मंगल मकर राशि में उच्च होते हैं, तो कर्क राशि में नीच के होते हैं. ज्योतिषियों की मानें तो मगंल देव जातक को जुझारू बनाते हैं.
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है.
साथ ही कारोबार से जुड़े लोगों को भी लाभ प्राप्त होगा. अचानक धन लाभ के योग हैं. साथ ही रुका हुआ धन भी प्राप्त हो सकता है.
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो कुंडली के करियर भाव में सूर्य, मंगल, गुरु और चंद्रमा के रहने पर जातक को करियर में मनचाही सफलता मिलती है. इस भाव में मंगल की उपस्थिति से धनु राशि के जातक को करियर में ऊंचा मुकाम हासिल होगा.
आय के नए स्त्रोत बनेंगे. ज्योतिषियों की मानें तो आय भाव में गुरु, मंगल और सूर्य के रहने पर धन का अभाव नहीं रहता है.
मकर राशि में मंगल उच्च के होते हैं. अतः मकर राशि के जातकों को सदैव शुभ फल प्राप्त होता है. तुला राशि में गोचर के दौरान मंगल देव मकर राशि के आय भाव को देखेंगे. इससे मकर राशि के जातकों को करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलेगी.
मंगल देव तुला राशि में 43 दिन तक रहेंगे. इस दौरान क्रमशः स्वाति और विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. वहीं 16 नवंबर को तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे.
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक मंगल देव 3 अक्टूबर को शाम में 5 बजकर 58 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर करेंगे.